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भिलाई

नकली CBI अफसर बनकर एक महीने तक किया डिजिटल अरेस्ट, लखनऊ से गिरफ्तार

CG Fraud News: भिलाई जिले में नेवई पुलिस ने बेटी और माता-पिता को एक माह तक डिजिटल अरेस्ट कर 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।

भिलाईJun 16, 2025 / 09:27 am

Shradha Jaiswal

नकली CBI अफसर बनकर एक महीने तक किया डिजिटल अरेस्ट(photo-unsplash)

नकली CBI अफसर बनकर एक महीने तक किया डिजिटल अरेस्ट(photo-unsplash)

CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में नेवई पुलिस ने बेटी और माता-पिता को एक माह तक डिजिटल अरेस्ट कर 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने लखनऊ से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा था।

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CG Fraud News: सावधान रहें…

पत्रकारवार्ता में एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि आरोपी दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्णा कुमार और शुभम श्रीवास्तव के कब्जे से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद किया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रगति नगर, रिसाली निवासी नम्रता चंद्राकर ने नेवई थाने में शिकायत की थी।
29 अप्रैल को एक अनजान व्यक्ति ने वीडियो कॉल कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और उनके पिता पर दो करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाया। परिवार को डराकर उसने उनकी संपत्ति की जानकारी ली। डिजिटली गिरफ्तारी का भय दिखाकर 29 अप्रैल से 29 मई तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी की।

पुलिस को ऐसे मिला सुराग

एएसपी ने बताया कि पुलिस ने तकनीकी जांच में पाया कि मोबाइल धारक और बैंक खाताधारी लखनऊ के हैं। नेवई टीआई आनंद शुक्ला के नेतृत्व में एक टीम को तत्काल लखनऊ रवाना किया गया। टीम ने आरोपी दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्णा कुमार और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया।
यूनियन बैंक से 9 लाख रुपए का मिले ट्रांजेक्शन

एएसपी ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि आरोपी कमीशन के आधार पर ठगी में शामिल थे। राजेश विश्वकर्मा ने यूनियन बैंक, पीएन रोड शाखा का खाता उपलब्ध कराया था। जिसमें 9 लाख रुपए ट्रांसफर हुए। इसमें से 36 हजार रुपए कमीशन के रूप में दीपक, कृष्ण और अन्य को दिए गए, जबकि बाकी रकम मुख्य आरोपी शुभम को दी। शुभम ने भी अपना कमीशन रखा और करीब 8 लाख रुपए अन्य साथियों लाइक, राज, फबैलो व उज्जवल के बीच बांट दियाा। पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।
एसएसपी दुर्ग विजय अग्रवाल ने कहा की डिजिटल अरेस्ट के मामले में तकनीकी विश्लेषण में यूनियन बैंक से क्लू मिला था। टीम को लखनऊ भेजकर चार आरोपियों को पकड़ा गया। इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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