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CSVTU: इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य समेत दूसरे राज्यों के कई प्रोफेसर्स भी कुलपति की रेस में, राजभवन से आखिरी चरण में प्रक्रिया यह आंकड़ा बताता है कि, इंजीनियरिंग के लिए छात्रों का रुझान फिर से बढ़ा है। जिन विद्यार्थियों को सीट अलॉट हो गई हैं, अब उनको 6 जुलाई तक कॉलेज पहुंचकर एडमिशन लेने होंगे। इस साल कंप्यूटर साइंस, आईटी और एआई के साथ साथ मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, टेलीकयुनिकेशन और माइनिंग जैसी ब्रांच में भी शानदार एडमिशन हुए हैं।
इस साल काउंसलिंग के तीन चरण तकनीकी शिक्षा संचालनालय से इस साल काउंसलिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां इंजीनियरिंग की काउंसलिंग के प्रमुा दो चरण हुआ करते थे, वहीं इसके बाद संस्थावार काउंसलिंग का विकल्प दिया जाता था, इस बार काउंसलिंग के तीन मुय चरण होंगे। इस साल तीसरे चरण की मुय काउंसलिंग के लिए पंजीयन 22 से 25 जुलाई तक करने होंगे। तीसरी मेरिट सूची 27 जुलाई को आएगी। 28 जुल्राई तक दावा-आपत्ति के मौके दिए गए हैं, जबकि 30 जुलाई को तीसरे चरण की सीटों का आवंटन किया जाएगा। इस राउंड की काउंसलिंग में विद्यार्थियों को आखिरी जुलाई तक कॉलेज पहुंचकर प्रवेश लेना होगा।
इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए प्रदेश के छात्रों ने भिलाई के कॉलेजों को प्रथम पायदान पर रखा है। इसके बाद रायपुर रहा। इस अलॉटमेंट में रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी ने इतिहास रच दिया है। इसके संघटक कॉलेज रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज (आर-1 ) की सभी 1458 सीटें अलॉट हो गई हैं। इसी कड़ी में बीआईटी दुर्ग की भी सभी सीटें फुल हो गई है।
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय यूटीडी की भी शतप्रतिशत सीटों पर अलॉटमेंट हुआ है। इनके अलावा जीईसी बिलासपुर और रायपुर की भी सभी सीटों का आवंटन हुआ है। शासकीय और निजी इंजीनियरिंग को मिलाकर सिर्फ ६ संस्थान रहे हैं, जिनकी सौ फीसदी सीटें अलॉट हुई। रायपुर के एसएसआईपीएमटी कॉलेज की 648 में से 630 सीटें अलॉट हुई हैं। यहां अभी 18 सीटें रिक्त हैं। इनके अलावा प्रदेश के 11 ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेजों में 50 फीसदी से भी कम सीटों पर अलॉटमेंट मिला है।
खुद निरस्त नहीं होगा अलॉटमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के चल रही काउंसलिंग में बड़ा बदलाव हुआ है। पहले तक अगर विद्यार्थी प्रथम सीट अलॉट होने के बाद तय समय सीमा में यदि कॉलेज पहुंचकर प्रवेश नहीं लेता था तो उसकी सीट खुद ही निरस्त हो जाती थी। तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने इस नियम को बदल दिया है। नए नियम से अब सीट निरस्त कराने विद्यार्थी को खुद प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यानी जिन छात्रों को काउंसलिंग के प्रथम चरण में सीट अलॉट कर दी गई है, उनको अपनी सीट निरस्त कराने उसी कॉलेज से संपर्क करना होगा।
इसके अलावा सीट निरस्त कराने वाले छात्र डीटीई की ओर से बनाए गए सुविधा केंद्र या किसी भी शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज जाकर अपनी परेशानी बतानी होगी। दुर्ग जिले के लिए दुर्ग शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज को सुविधा केंद्र बनाया गया है। यहां बनाए गए सुविधा केंद्र के अफसर छात्र की जानकारी लेने के बाद सीट निरस्त कर देंगे।
प्रथम चरण के एडमिशन पूरे होने के बाद दूसरे चरण में बीटेक पंजीयन के लिए 8 से 11 जुलाई तक समय दिया गया है। दूसरे चरण की मेरिट सूची 13 जुलाई को आएगी। विद्यार्थी 14 जुलाई तक दावा आपत्ति करेंगे। वहीं16 जुलाई को द्वितीय चरण काउंसलिंग का आवंटन आएगा। जिसमें विद्यार्थियों को 17 से 20 जुलाई तक निर्धारित संस्थान में दाखिला पक्का करना होगा।