ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्टमेंट का झांसा
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि टीम ने नई दिल्ली निवासी आरोपी रोहित शर्मा (28) और बंगलुरू के अनूप श्रीवास्तव (40) को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी गिरोह के मुख्य सरगनाओं के बचपन के साथी हैं और शुरू से ही इस ठगी नेटवर्क में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। रोहित शर्मा तकनीकी काम संभालता था, जबकि अनूप श्रीवास्तव फर्जी कंपनियों को जोडऩे (ऑनबोर्डिंग) का काम देखता था।यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े और भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। यदि किसी व्यक्ति को ऑनलाइन गेम, निवेश या लॉटरी के नाम पर संदिग्ध लिंक या कॉल प्राप्त हो, तो तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें और ठगी से बचें।

ऐसे खुला मामला
हुआ यूं कि 6 मार्च 2025 को धौलपुर साइबर थाना में हरीसिंह नामक व्यक्ति ने 1930 हेल्पलाइन पर फिनो पेमेंट बैंक के खाते से धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई। जब रेंज साइबर वॉर रूम से इस शिकायत की जांच की गई तो यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि उसी बैंक खाते के खिलाफ पहले से 3000 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं, जो अब बढकऱ 4000 से भी अधिक हो चुकी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना धौलपुर में तत्काल प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद यह मामला रेंज कार्यालय को सौंपा गया और निरीक्षक महेन्द्र सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।ऐसे करते थे ठगी
आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि इस ठगी गिरोह ने एबंडेंस पेमेंट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (ट्रायपे) नामक फर्जी कंपनी बनाई, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में था। आरोपी अनूप श्रीवास्तव फर्जी कंपनियों को जोडऩे का कार्य देखता था। जबकि रोहित शर्मा तकनीकी संचालन जैसे सर्वर, पेमेंट लिंक और ट्रांसफर की जिम्मेदारी संभालता था।ये लोग सीधे कंपनियों से संपर्क नहीं करते थे, बल्कि बिचौलिए (रिसेलर) के माध्यम से काम करते थे। कंपनी के पास लगभग 25 फर्जी कंपनियां (व्यापारी) थीं जिनके खातों को शशिकांत और रोहित दुबे नियंत्रित करते थे। इन खातों से पे इन से लेकर पे आउट तक का संचालन उन्हीं के पास था।