महापंचायत में लोगों को समझाते IG राहुल प्रकाश, फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Gurjar Mahapanchayat: भरतपुर के बयाना क्षेत्र में स्थित पीलूपुरा के शहीद स्मारक पर रविवार को गुर्जर समाज की महापंचायत का आयोजन हुआ। इस महापंचायत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत मसौदे को पढ़कर सुनाया और उस पर सहमति जताते हुए आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।
हालांकि, इस घोषणा से नाराज कुछ युवाओं ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर कब्जा जमा लिया, जिससे रेलवे विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश मौके पर पहुंचे और अपनी सूझबूझ से मामले को शांत करवाया।
महापंचायत और आंदोलन की समाप्ति
महापंचायत में विजय बैंसला ने सरकार द्वारा प्रस्तुत मसौदे को समाज के सामने रखा, जिसमें गुर्जर समाज के लिए पांच प्रतिशत एमबीसी (मोस्ट बैकवर्ड क्लास) आरक्षण को केंद्र सरकार की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव शामिल था। मसौदे पर सहमति बनने के बाद बैंसला ने आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने की घोषणा की।
यह पहली बार था जब गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने बिना किसी बड़े संघर्ष के आंदोलन को विराम दिया। इस शांतिपूर्ण समापन को लेकर समाज के कुछ वर्गों में असंतोष भी देखा गया और सोशल मीडिया पर विजय बैंसला को आलोचना का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह महापंचायत कुछ नेताओं के इशारे पर आयोजित की गई थी।
महापंचायत के बाद रेलवे ट्रैक पर हंगामा
महापंचायत के बाद आंदोलन समाप्ति की घोषणा से नाराज युवाओं ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर धरना शुरू कर दिया। एक ट्रेन को मौके पर रोक लिया गया, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया। इस घटना ने रेलवे विभाग और प्रशासन को तुरंत हरकत में ला दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने धरने पर बैठे युवाओं और समाज के लोगों से सीधे संवाद किया।
आईजी राहुल प्रकाश ने अपनी समझाइश में कहा कि मैं आपकी बात सुनने और आपसे बात करने आया हूं। आप एक तरफ पुराने मुकदमों को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक पर धरना देकर नए मुकदमे दर्ज होने का खतरा मोल ले रहे हैं। अगर ट्रैक पर बैठे बच्चों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो गया, तो उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। एक मुकदमा दर्ज होने पर सरकारी नौकरी का सपना टूट सकता है।
उन्होंने विधायक अतुल प्रधान और उपस्थित बुजुर्गों से अपील की कि वे युवाओं को ट्रैक से वापस पंडाल में लाएं। आईजी ने यह भी कहा कि जब तक बच्चे वापस नहीं आते, मैं यहीं आपके साथ बैठा रहूंगा। उनकी इस संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण अपील का असर हुआ, और युवाओं ने ट्रैक खाली कर दिया।
आंदोलन का राजनीतिक समीकरण
गुर्जर समाज का आरक्षण आंदोलन लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। विजय बैंसला फिलहाल बीजेपी से जुड़े हैं, ने पहले भी कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है। पिछली गहलोत सरकार में कर्नल बैंसला की मौजूदगी में विजय बैंसला ने आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप पांच प्रतिशत एमबीसी आरक्षण का रास्ता खुला था। उस समय भी बैंसला को बीजेपी से विधानसभा चुनाव का टिकट मिला था, हालांकि वे चुनाव हार गए थे।
इस बार भी माना जा रहा है कि इस आंदोलन की समाप्ति के पीछे राजनीतिक समीकरण काम कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस महापंचायत का मकसद समाज के नेताओं को सियासी लाभ दिलाना था। बताया जा रहा है कि बीजेपी के सत्ता और संगठन में गुर्जर समाज की भागीदारी बढ़ाने की रणनीति के तहत यह कदम उठाया गया। वहीं, मंत्रिमंडल में एक और गुर्जर नेता को शामिल करने का दावा मजबूत हुआ है।
सरकार का प्रस्ताव, बनी ये सहमति
सरकार ने वादा किया है कि एमबीसी आरक्षण 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में जोड़ने के लिए राज्य कैबिनेट प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजेगा। मुकदमों का निस्तारण 2023 में बनी सहमति के तहत आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा। इसके लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
इसके अलावा भर्तियों में विसंगतियां लंबित भर्तियों में रोस्टर प्रणाली से जुड़ी समस्याओं पर मंत्रीगणों की समिति 60 दिन में समाधान देगी। वहीं, अनुकंपा नियुक्तिशहीद रूप नारायण गुर्जर के एक परिजन को सरकारी सेवा में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इस पर शीघ्र कार्रवाई होगी।
साथ ही योजनाओं की निगरानी देवनारायण योजना सहित सभी संबंधित योजनाओं की मासिक समीक्षा की जाएगी, इसमें संघर्ष समिति के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा।
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आईजी राहुल प्रकाश का संदेश
रेलवे ट्रैक से लौटे युवाओं को संबोधित करते हुए आईजी राहुल प्रकाश ने कहा कि आप 372 रीट पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं, लेकिन रेलवे ट्रैक रोककर आप अपना नुकसान कर रहे हैं। रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने पर सरकारी नौकरी का रास्ता बंद हो सकता है। गांधीवादी तरीके से अपनी बात रखें, हिंसक रास्ता अपनाने से भविष्य खराब होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने गुर्जर समाज के हितों के लिए एक स्थायी मंत्रिमंडलीय समिति गठित करने का फैसला किया है, जो हर तीन महीने में बैठक करेगी। इस समिति में समाज के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। आईजी ने कहा कि हम भी बेरोजगारी का दर्द समझते हैं। सरकार, प्रशासन और समाज एक-दूसरे से अलग नहीं हैं।