ग्रामीणों का कहना है कि ये पैंथर पहले भी कई बार गांव में नजर आए हैं और पहाड़ी पर चारे के लिए जाने वाले मवेशियों, खासकर बकरियों को शिकार बना चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ड्रोन की सहायता से पहाड़ी क्षेत्र की निगरानी की गई, जिसमें पैंथर स्पष्ट रूप से दिखाई दिए।
शिकारी जानवर की हलचल देखी
उनका कहना है कि पिछले साल भी इसी क्षेत्र में बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवर की हलचल देखी गई थी। ग्रामीणों ने पूर्व में भी वन विभाग से पैंथरों को रेस्क्यू करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
मंदिर की ओर जाने से डर रहे लोग
पैंथरों की मौजूदगी के चलते अब ग्रामीण मंदिर की ओर जाने से भी डर रहे हैं। हिंगलाज माता मंदिर, जो गांव के पहाड़ पर स्थित है, वहां अब श्रद्धालु जाना बंद कर चुके हैं। हालांकि ग्रामीण सतर्कता बरत रहे हैं, लेकिन उन्होंने वन विभाग से इस बार भी मांग की है कि पैंथरों को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जाए ताकि गांववासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाया गया, तो जान-माल का नुकसान हो सकता है।