भरतपुर शहर में हाऊसिंग बोर्ड की दरों में खासी बढ़ोतरी
आवासीय योजनाओं में की विकसित भूमि दर सम्बन्धित प्रस्ताव और अनुशंसा के आधार पर दरों में बढ़ोतरी की गई है। बोर्ड से सालभर में होने वाले संभावित खर्च को ब्याज सहित जोड़ते हुए निर्धारित की है। भरतपुर शहर में भी हाऊसिंग बोर्ड की तीन व धौलपुर की एक कॉलोनी की दरों में भी खासी बढ़ोतरी की गई है।भरतपुर शहर में कहां-कितनी दर
1- कृष्णा नगर भरतपुर की आवासीय एमआइजी-ए की 13610 रुपए प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक श्रेणी की 53885 रुपए प्रति वर्ग मीटर, संस्थागत श्रेणी के लिए 18810 रुपए प्रति वर्ग मीटर2- जवाहर नगर हाऊसिंग बोर्ड में आवासीय एमआइजी-ए की 14120 रुपए प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक श्रेणी की 55905 रुपए प्रति वर्ग मीटर, संस्थागत श्रेणी के लिए 19515 रुपए प्रति वर्ग मीटर
3- एसटीसी हाऊसिंग बोर्ड में आवासीय एमआईजी-ए की 11490 रुपए प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक श्रेणी की 45505 रुपए प्रति वर्ग मीटर, संस्थागत श्रेणी के लिए 15885 रुपए प्रति वर्ग मीटर
4- बाड़ी रोड धौलपुर में आवासीय एमआइजी-ए की 13360 रुपए प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक श्रेणी की 52895 रुपए प्रति वर्ग मीटर, संस्थागत श्रेणी में 18465 रुपए प्रति वर्ग मीटर
इन शर्तों के साथ लागू होंगी दरें
1- आरक्षित दरें (रिहायशी) मध्यम आय वर्ग के लिए होगी। आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के लिए दरों में से 20 प्रतिशत और अल्प आय वर्ग के लिए दरों में 10 प्रतिशत की छूट रहेगी। मध्यम आय वर्ग (ब) और उच्च आय वर्ग के लिए आरक्षित दरों में क्रमश: 10 और 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।2- विकसित भूमि दर की लागत गणना करते समय उपरी व्यय वर्ग के अनुसार वसूल किए जाएंगे।
3- आवासीय भूमि के लिए लीज आरक्षित दर राशि की 2.5 प्रतिशत होगी। व्यावसायिक और संस्थागत भूमि के लिए लीज की राशि मध्यम आय वर्ग की आवासीय आरक्षित दर की क्रमश: 5 और 2.5 प्रतिशत ली जाएगी।
4- अतिरिक्त भूमि के लिए विकसित भूमि दर की गणना निर्धारित वर्ग दर के अनुसार ही वसूली योग्य होगी, लेकिन भू-पट्टी आवंटन में निर्धारित वर्ग दर की 1.5 गुणा वसूली योग्य होगी।
5- आवासीय भूखण्ड की नीलामी/आवंटन के लिए सम्बन्धित श्रेणी के भूखंड की आरक्षित दर, लागत के लिए निर्धारित आरक्षित दर की 1.5 गुणा होगी।
6- बोर्ड की ओर से संस्थाओं को आवंटित भूमि की लागत पर 25 प्रतिशत उपरी व्यय अलग से देय होंगे।
7- वर्ष के दौरान स्वीकृत दरों में किसी प्रकार का संशोधन किया जाता है तो संशोधित दरें मान्य होगी।