पुलिस के अनुसार बुचीडीह पारधी पारा में रीना पारधी अपने पति मृतक अभिषेक सिंह ऊर्फ बिहारी के साथ करीबन 6-7 साल से रह रही थी। 6 जुलाई की रात्रि खाना खाकर दोनों सोए थे कि 7 जुलाई में रात्रि करीबन 1:30 बजे मृतक की पत्नी रीना पारधी ने अपने माता-पिता के घर जाकर बताया कि अभिषेक उर्फ बिहारी पर उसने धारदार
हथियार से हत्या करने की नियत से गंभीर चोट पहुंचाई।
मारने से कान के पीछे गर्दन से खून निकल रहा है। महिला ने वारदात के पीछे किसी अन्य का हाथ होने की बात कह कर मामले की दिशा बदलने का प्रयास किया। वहीं पुलिस ने नरेश कुमार चौहान की रिपोर्ट पर किसी व्यक्ति द्वारा धारदार हथियार से अभिषेक सिंह के गर्दन पर ताबड़तोड़ हमला कर हत्या करने की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 103(1) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
एसपी ने जांच के लिए टीम की थी गठित एसपी ने एसडीओपी विनय कुमार की अगुवाई में टीम गठित की। वहीं पुलिस ने आरोपी की पतासाजी के लिए उसके रिश्तेदार, परिवार, गांव आदि के यहां लगातार पूछताछ की। घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण करने व मृतक की पत्नी रीना उर्फ जंगो पारधी पर संदेह होने पर पूछताछ की गई। उसके बाद जो बात समाने आई, उसके अनुसार घटना दिनांक करीब 12 से 1 बजे के मध्य मृतक अभिषेक सिंह गांजा व शराब के नशे में आया और दरवाजा नहीं खोलने पर खिड़की से घर अंदर आकर गालियां देकर अपनी पत्नी से मारपीट की और दीवार पर धक्का दे दिया, जिससे आरोपी महिला की नाक व भुजा में चोट आई।
मारपीट करने के बाद मृतक नशे में कमरे के बेड पर सो गया। मारपीट व अपने बिहार के घर में पैसा भेजने की वजह से गुस्से में आकर घर में सब्जी काटने के लिए रखी लोहे की हसिया से उसने अभिषेक सिंह की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी महिला पुलिस को गुमराह करती रही।
महिला की निशानदेही पर अभिषेक का लॉकेट व चांदी के चैन सहित अन्य साक्ष्य जब्त किए गए। आरोपी रीना उर्फ जंगो पारधी को विधिवत गिरतार कर न्यायिक रिमांड पर न्यायालय प्रस्तुत किया गया। कार्रवाई में थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह, प्रधान आरक्षक नोहर यादव, दीनानाथ यादव, महिला प्रधान आरक्षक पूनम सिंह व अन्य स्टाफ शामिल थे।