बिजली विभाग के अधिकारी पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए कह रहे हैं कि पोल शिफ्टिंग के लिए पीडब्ल्यूडी ने अब तक ना तो कोई योजना बनाई और ना ही जरूरी राशि जमा कराई है। जबकि इसके उलट पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से प्रक्रिया धीमी है, जिससे देरी हो रही है।
जिला कलक्टर समय-समय पर निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठकें आयोजित करती हैं, लेकिन धरातल पर इन बैठकों का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। बार-बार की समीक्षा के बावजूद पोल शिफ्टिंग का मामला जस का तस पड़ा है। इससे साफ है कि अफसरशाही में समन्वय का अभाव है और जमीनी स्तर पर कार्यों की मॉनिटरिंग बेहद कमजोर है।
जब से इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ तब से आमजन के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है की इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है। जमीन स्तर पर इसकी जांच क्यों नहीं की जा रही है। सड़क निर्माण के बाद बिना सड़क को तोडे़ पोल शिफ्ट करना संभव नहीं है। ऐसे में होने वाला लाखों रुपए का नुकसान किससे वसूला जाएगा।
कोटपूतली से चिमनपुरा तक पोल शिफ्टिंग के लिए पीडब्ल्यूडी ने अब तक कोई राशि जमा नहीं करवाई है। केवल चिमनपुरा से आगे के हिस्से के लिए 14 लाख 50 हजार रुपए ही जमा कराए हैं। हमने विभाग को नोटिस जारी कर दिया है और जिला कलक्टर कार्यालय को भी इस लापरवाही की जानकारी दी है।
-मनोज गुप्ता, अधीक्षण अभियंता विद्युत निगम कोटपूतली
-रामअवतार कुमावत, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी कोटपूतली