वंदे गंगा जल जल संरक्षण अभियान को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में पीपीटी के माध्यम से मंत्री को तालाबों की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही थी। जसदेर धाम का फोटो दिखाते हुए जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अधिकारी ने कहा कि तालाब में फूल लग गए हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि इस तालाब की क्षमता कितनी है? हड़बड़ाहट में अधिकारी ने कहा कि एक लाख लीटर।
जवाब सुन मंत्री हुए अचंभित
जवाब सुनकर मंत्री अचंभित हो गए और कहा कि यह जवाब गलत हैं। 50 लाख लीटर से अधिक क्षमता होनी चाहिए। इसके बाद अधिकारी जवाब दे नहीं पाया और जिला कलेक्टर टीना डाबी ने हस्तक्षेप किया। मंत्री ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि तैयारी के साथ बैठक में आओ, जहां कलेक्टर और हम बैठे हैं और आपको क्षमता की जानकारी नहीं है। फिर तनख्वाह किस बात के लेते हो?
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जलस्रोत का संरक्षण जरूरी
गृह राज्य मंत्री बेढम ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य जल को संरक्षित कर इसका सदुपयोग करना है। इसके साथ ही पुराने जलस्त्रोत का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिला लम्बे समय से पानी की कमी से जूझता रहा है और यहां के लोगों ने जल संरक्षण पर काफी काम किया है।
शहर की ड्रैनेज समस्या का समाधान हो
गृह राज्य मंत्री ने निर्देश दिए कि बाड़मेर शहर में नालियों के पानी के निकास की बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से कलेक्ट्रेट के आसपास और बलदेव नगर क्षेत्र में पानी भर जाता है। इसके लिए उन्होंने कहा कि इस पानी का सदुपयोग करना है, इसका ड्रैनेज प्लान बनाना है। इसके लिए उन्होंने नगर परिषद के सचिव को आगामी दो दिनों में ड्रैनेज प्लान बनाने के निर्देश दिए।
परिषद के पास तालाबों की रिपोर्ट नहीं
मंत्री ने बैठक में चर्चा के दौरान जिला परिषद के अधिकारियों के से पूछा कि बाड़मेर जिले में कितने तालाब हैं, और इसमें भी 50 लाख लीटर से अधिक क्षमता वाले तालाब कितने हैं, इसका कोई सर्वे हुआ क्या? मंत्री का सवाल सुनने के बाद अधिकारी एक-दूसरे की तरफ देखने लगे और जिला परिषद के पास इसकी कोई रिपोर्ट नहीं थी। इसके बाद मंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठक में आए हो? आपको किस बात की जानकारी ही नहीं है।