मंगलवार को उक्त शिक्षिका ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक और एक सहायक अध्यापक पर धर्मांतरण का दबाव बनाने तथा विरोध करने पर 17 मई को विद्यालय परिसर में मारपीट करने का आरोप लगाया था। शिक्षिका ने यह भी कहा कि बहेड़ी थाने में तहरीर देने के बावजूद कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
एसएसपी के निर्देश पर एसपी उत्तरी ने की मामले की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी अनुराग आर्य ने जांच का जिम्मा एसपी उत्तरी को सौंपा। जांच के दौरान संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए गए। एसपी उत्तरी ने रिपोर्ट सौंपते हुए स्पष्ट किया कि न तो धर्मांतरण का कोई प्रमाण मिला और न ही मारपीट का। जांच में यह बात सामने आई कि शिक्षिका विद्यालय से तबादला कराना चाहती हैं और इसी मंशा से उन्होंने झूठे आरोप लगाए।
बीएसए ने दिए विभागीय जांच के आदेश
एसएसपी ने रिपोर्ट बीएसए को प्रेषित कर दी है। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि विभागीय जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस घटनाक्रम से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है और अब सवाल उठ रहे हैं कि व्यक्तिगत हितों के लिए इस प्रकार के झूठे आरोप लगाकर संस्थागत व्यवस्था को किस हद तक नुकसान पहुंचाया जा सकता है।