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बरेली

आरएम का भतीजा फर्जी आदेश से बन गया परिचालक, सात यात्री बिना टिकट मिलने के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा, जाने मामला

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) बरेली डिपो में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। खुद को क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) दीपक चौधरी का भतीजा बताने वाले कथित परिचालक शिवम की नियुक्ति को लेकर जारी किया गया एक आदेश पत्र गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

बरेलीJun 27, 2025 / 12:08 pm

Avanish Pandey

बरेली। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) बरेली डिपो में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। खुद को क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) दीपक चौधरी का भतीजा बताने वाले कथित परिचालक शिवम की नियुक्ति को लेकर जारी किया गया एक आदेश पत्र गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में बरेली डिपो के एआरएम संजीव श्रीवास्तव के हस्ताक्षर हैं, लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, संभव है कि उनके अवकाश पर किसी अन्य अधिकारी ने प्रभार में रहते हुए यह पत्र जारी किया हो।

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मुरादाबाद में पकड़े गए बिना टिकट यात्री, परिचालक शिवम पर वसूली का आरोप

बुधवार को मुरादाबाद में बरेली डिपो की एक बस की जांच के दौरान टीआई (ट्रैफिक इंस्पेक्टर) की टीम ने सात यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा। इनमें से तीन यात्री हरिद्वार से धामपुर, दो हरिद्वार से कांठ और दो हरिद्वार से रामपुर जा रहे थे। जांच में सामने आया कि परिचालक शिवम ने इन सभी से किराया वसूल तो किया था, लेकिन टिकट नहीं दिए। टीम ने जब शिवम से पूछताछ की तो उसने खुद को आरएम दीपक चौधरी का भतीजा बताकर दबाव बनाने की कोशिश की। बावजूद इसके, जांच टीम ने एटीएम मशीन में सभी बिना टिकट यात्रियों की जानकारी फीड कर दी।

वायरल हुआ नौ माह पुराना आदेश पत्र, फर्जी होने की आशंका

गुरुवार को जो आदेश पत्र वायरल हुआ, वह 5 सितंबर 2024 का है। इसमें शिवम को परिचालक के तौर पर किसी रूट पर तैनात करने की बात लिखी गई है। इस आदेश में एआरएम संजीव श्रीवास्तव के हस्ताक्षर हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दस्तावेज फर्जी हो सकता है, क्योंकि उस दिन वह अवकाश पर थे। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब एआरएम अवकाश पर थे, तो परिचालक की तैनाती के लिए विशेष आदेश पत्र क्यों और कैसे जारी किया गया? साथ ही यह भी नियमविरुद्ध है कि किसी अधिकारी की अनुमति के बिना किसी कर्मचारी का कार्यक्षेत्र या पटल बदला जाए।

आरएम दीपक चौधरी बोले: “ऐसे तो सैकड़ों भतीजे बन जाएंगे”

सोशल मीडिया पर इस मामले के साथ यह संदेश भी वायरल हो रहा है कि आरएम स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएम दीपक चौधरी ने कहा कि “अगर कोई यूं ही खुद को मेरा रिश्तेदार बताकर तैनाती पाने लगेगा तो फिर तो न जाने कितने भतीजे बन जाएंगे।” उन्होंने कहा कि उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी नहीं थी और इसकी जांच की जाएगी।

चिट्ठी पर हस्ताक्षर और तैनाती की प्रक्रिया अब जांच के घेरे में

इस मामले ने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली और नियुक्तियों में पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों के अनुसार, यदि अधिकारी अवकाश पर है तो उसके स्थान पर केवल कार्यभार संभाला जा सकता है, किसी नियुक्ति या विशेष आदेश की इजाजत नहीं होती। ऐसे में अब यह आदेश पत्र और उसके हस्ताक्षर जांच का विषय बन गए हैं।

विश्रामदाता के रूप में तैनात किया गया था दीपक मिश्रा

गौरतलब है कि जिस स्थान पर शिवम को कार्यरत बताया जा रहा है, वहां पूर्व में परिचालक दीपक मिश्रा को विश्रामदाता (रिजर्व) के रूप में तैनात किया गया था। इससे यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि शिवम की तैनाती किस आधार पर और किसके आदेश से हुई।

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