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बरेली

आपातकाल की 50वीं बरसी: वित्त मंत्री बोले, ‘इंदिरा गांधी का तानाशाही फैसला लोकतंत्र पर हमला था’

भारतीय जनता पार्टी बरेली द्वारा शुक्रवार को रोहिलखंड डेंटल कॉलेज के सभागार में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर एक संगोष्ठी और लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना रहे।

बरेलीJun 27, 2025 / 05:56 pm

Avanish Pandey

कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधि (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। भारतीय जनता पार्टी बरेली द्वारा शुक्रवार को रोहिलखंड डेंटल कॉलेज के सभागार में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर एक संगोष्ठी और लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत मौलश्री का पौधा रोपित किया। इसके बाद उन्होंने आपातकाल पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया और छात्रों के साथ मिलकर प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

25 जून 1975: लोकतंत्र पर काला धब्बा- सुरेश खन्ना

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा 25 जून 1975 की रात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर जबरन आपातकाल थोप कर लोकतंत्र की हत्या की। यह कोई युद्धकालीन या राष्ट्रीय संकट नहीं था, बल्कि सत्ता बचाने की हताशा थी। आज उनके वंशज लोकतंत्र की दुहाई देते हैं जबकि उनके पूर्वजों ने ही लोकतंत्र को रौंदा था। उन्होंने कहा कि 1971 में चुनाव जीतने के बावजूद इंदिरा गांधी की वैधता पर सवाल खड़ा हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके चुनाव को अवैध करार दिया, जिसके बाद उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग करते हुए आपातकाल लागू कर दिया। प्रेस की आजादी छीन ली गई, न्यायपालिका को अपंग बना दिया गया और मीसा कानून के तहत एक लाख से अधिक नागरिकों को बिना मुकदमे के जेल में डाल दिया गया। सुरेश खन्ना ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भी कांग्रेस की मानसिकता वही है बस तरीके बदल गए हैं। सत्ता के लिए वे संविधान की आत्मा से खेलने से पीछे नहीं हटते।

लोकतंत्र सेनानियों ने सुनाए आपातकाल के अनुभव

वीरेंद्र अटल, लोकतंत्र सेनानी ने कहा 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या की थी। आज भी यह दिन ‘काला दिवस’ के रूप में याद किया जाता है। राजेन्द्र बहादुर चौधरी ने कहा यह सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं था, यह भारत की आत्मा की रक्षा का आंदोलन था। कांग्रेस आज भी अपने तानाशाही कृत्य पर शर्मिंदा नहीं है।

50 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में 50 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को शॉल, माला व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिसमें वीरेंद्र अटल, राजेन्द्र बहादुर चौधरी, सतीश शर्मा, लेखपाल सिंह, कन्हैयालाल मिश्र, बाबूराम, झाझन लाल, महेश चंद्र सक्सेना, सुमंत माहेश्वरी, सोहनलाल, भीमसेन, जगदीश प्रसाद, भानुमति, गंगा देवी, मंगला देवी, सुंदरलाल, रामवती, राजेन्द्र पाल सिंह, उषा उपाध्याय, सरला, प्रवीण कुरेशी सहित अन्य सेनानी शामिल रहे।

उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता

इस आयोजन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना, सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार, महापौर डॉ. उमेश गौतम, जिलाध्यक्ष सोमपाल शर्मा,आंवला अध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह, महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, विधायक संजीव अग्रवाल, डॉ. श्याम बिहारीलाल, डॉ. एमपी आर्य, डॉ. राघवेंद्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्षा रश्मि पटेल, हर्षवर्धन आर्य, अशोक अग्रवाल, प्रभु दयाल लोधी, नीरेंद्र सिंह राठौर, रविंद्र गुर्जर, बंटी ठाकुर (महानगर मीडिया प्रभारी) और अंकित माहेश्वरी (जिला मीडिया प्रभारी) सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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