पुलिस को आरोपी के पास से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड, दरोगा की टोपी और एक लग्जरी कार भी मिली है, जिसमें पुलिस की लाइट व हूटर लगे थे।
जान-पहचान बनाकर ठगी, जर्मनी भेजने का दिखाया सपना
पुलिस की जांच के अनुसार, जितेंद्र सिंह खैरा ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए युवाओं को विदेश, विशेषकर जर्मनी भेजने का झांसा दिया। जुलाई 2024 में उसकी मुलाकात लखीमपुर खीरी जिले के मैलानी थाना क्षेत्र स्थित कुकरा गांव निवासी दलवीर सिंह से हुई। उसने दलवीर को झांसा दिया कि वह उसे और उसके साथियों को जर्मनी भेज सकता है। इस प्रक्रिया में आरोपी ने कुल 20 लाख रुपये की ठगी की। दलवीर सिंह ने बताया कि उसने ₹3.54 लाख PhonePe के माध्यम से जितेंद्र के खाते में ट्रांसफर किए, और शेष राशि नकद दी। इसके अतिरिक्त, जितेंद्र ने दलवीर के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड भी रख लिए। जब पीड़ित ने दस्तावेज़ और पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने धमकाना शुरू कर दिया।
यूनिवर्सिटी छात्रा से भी की ठगी
जांच में यह भी सामने आया है कि जितेंद्र सिंह ने इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली की छात्रा प्राची सिंह से भी जर्मनी भेजने के नाम पर ₹5100 की ठगी की थी। साथ ही उसके भी दस्तावेज अपने पास रख लिए थे। दोनों पीड़ितों द्वारा की गई शिकायत पर फरीदपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई।
फर्जी वर्दी और धमकियों से बनाता था दबाव
दलवीर सिंह ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर दरोगा की वर्दी में तस्वीर लगाई थी। तस्वीर में वह एक लग्जरी वाहन के पास खड़ा था, जिस पर पुलिस की लाइट और हूटर लगे हुए थे। इसी के दम पर वह खुद को पुलिस अफसर बताता था और पीड़ितों को जेल भिजवाने की धमकी देता था।
कार्रवाई: पुलिस ने किया गिरफ्तार, साथ ही बरामद हुए फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने आरोपी जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी गाड़ी से फर्जी पुलिस पहचान पत्र, दरोगा की टोपी, और हूटर लगी कार बरामद की है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि टोल टैक्स बचाने और लोगों पर रौब जमाने के लिए वह इन चीजों का इस्तेमाल करता था।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सहयोगी फरार
पुलिस अधीक्षक दक्षिण अंशिका वर्मा ने बताया कि जितेंद्र सिंह का एक सहयोगी, गुरपाल सिंह, जो पंजाब के भटिंडा का निवासी है, अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। फरीदपुर थानाध्यक्ष राधेश्याम के अनुसार, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और उसके खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी पद के दुरुपयोग से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।