एसएसपी अनुराग आर्य की पहल पर जिले के सभी थाना क्षेत्रों में 13 से ज्यादा वर्गों के साथ गोष्ठियाँ की गईं। इन बैठकों में ग्राम प्रहरी, व्यापारी, सर्राफा कारोबारी, कोटेदार, डॉक्टर, डीजे संचालक, कांवड़ जत्थेदार, ताजियेदार, पीस कमेटी सदस्य और प्रधान शामिल थे। सभी से शांति, सुरक्षा और सहयोग को लेकर खुलकर चर्चा हुई।
ग्राम प्रहरियों से संवाद, कोटेदारों ने भी जुटाई जानकारी
पुलिस ने 523 ग्राम प्रहरियों से बैठक कर गांवों में सतर्कता बढ़ाने, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने और सुरक्षा को लेकर सहयोग की बात कही। 332 व्यापारियों से संवाद कर पुलिस ने बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की। त्योहारों के दौरान विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया। 528 कोटेदारों से मिलकर गांवों में फैलते विवादों और आगामी पंचायत चुनावों को लेकर जरूरी जानकारी जुटाई गई।
डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ से चर्चा
285 निजी अस्पतालों के डॉक्टरों व स्टाफ और 143 PHC/CHC कर्मियों से पुलिस ने मुलाकात कर इमरजेंसी में पुलिस सहयोग और अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर प्लान तैयार किया। वहीं 516 डीजे संचालकों से पुलिस ने संवाद कर साफ शब्दों में कहा—उल्टे-सीधे गानों से परहेज करें, निर्धारित समय और ध्वनि सीमा का पालन करें वरना कार्रवाई होगी। बरेली शहर और देहात के 30 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में ये संवाद गोष्ठियाँ आयोजित की गईं। शेरगढ़, बहेड़ी, नवाबगंज, मीरगंज, फतेहगंज जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोग संवाद में शामिल हुए।
कांवड़ियों और शिविर संचालकों से रणनीति
620 कांवड़ जत्थेदारों और 39 शिविर संचालकों से बातचीत कर पुलिस ने यात्रा मार्ग, भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर साझा योजना बनाई। इसी तरह मोहर्रम को लेकर 582 ताजियेदारों और 391 ताजिया निर्माणकर्ताओं से संवाद कर पुलिस ने शांतिपूर्ण आयोजन की अपील की और जुलूस मार्गों पर सहमति बनाई। जिले के 1024 पीस कमेटी सदस्यों से की गई बैठक में पुलिस ने सौहार्द और भाईचारे के लिए समुदायों को साथ लाने का आह्वान किया।
एसएसपी बोले- जनता से सीधा जुड़ाव
एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक जनसंवाद का उद्देश्य है जनता और पुलिस के बीच भरोसे की दीवार को मजबूत करना, जिससे न सिर्फ अपराध की रोकथाम संभव हो, बल्कि त्योहारों और विशेष आयोजनों के दौरान शांति व्यवस्था भी बनी रहे।”