थाना क्षेत्र के नवादा शेखान निवासी मुशर्रफ अली ने बताया कि कुछ माह पहले उसकी मुलाकात जगतपुर निवासी कय्यूम पुत्र रियासत अली से हुई। आरोपी ने बांकै जगतपुर लाला बेगम में स्थित 100 गज के मकान को बेचने की बात कही। उसने खुद को संपत्ति का अकेला वारिस बताया और अपने पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र व वारिसान प्रमाणपत्र दिखाया। दस्तावेज देखकर मुशर्रफ को भरोसा हो गया और दोनों के बीच 14 लाख में सौदा तय हुआ।
रुपये लेने के बाद रजिस्ट्री कराने से मुकरा आरोपी
बयाने के तौर पर मुशर्रफ ने 12 लाख रुपये आरोपी कय्यूम को दे दिए। उसके बाद रजिस्टर्ड इकरारनामा भी तैयार हुआ, जिसमें खुशबू पत्नी इरशाद अहमद और मोहम्मद राशिद पुत्र मोहम्मद सईद को गवाह बनाया गया। जब पीड़ित ने रजिस्ट्री कराने के लिए संपर्क किया तो कय्यूम ने फोन बंद कर लिया। मुशर्रफ ने रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचकर अपनी हाजिरी दर्ज कराई, लेकिन कय्यूम वहां नहीं आया। इसके बाद जब उसने कय्यूम से संपर्क किया तो हर बार बहाने बनाकर टालता रहा।
ठगी करने के लिए बनवाए फर्जी दस्तावेज
पीड़ित ने बताया कि मोहल्ले में पूछताछ करने पर पता चला कि जिस मकान का सौदा हुआ था, उसके कई अन्य वारिस भी हैं। इसके बाद जब मुशर्रफ नगर निगम और तहसील कार्यालय गया तो पता चला कि कय्यूम द्वारा दिखाए गए मृत्यु प्रमाणपत्र और वारिसान प्रमाणपत्र पूरी तरह फर्जी थे। जब मुशर्रफ कय्यूम के घर गया और पैसे वापस मांगे, तो वहां पहले से मौजूद खुशबू और राशिद ने उसे गालियां दीं और धमकी दी कि अगर दोबारा पैसे मांगने आया तो झूठे केस में फंसा देंगे और लाश घर में ही दबा देंगे।
सीओ के आदेश पर एफआईआर दर्ज
पीड़ित ने इस मामले में सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की, सीओ के आदेश के बाद बारादरी पुलिस ने कय्यूम, खुशबू और राशिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडे का कहना है कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।