अक्सर वादी थानों की विवेचना से असंतुष्ट होकर पुलिस दफ्तर पहुंचते हैं, लेकिन वहां केवल कागजी कार्रवाई होती है। एसएसपी ने इसे बदलते हुए वादियों और विवेचकों को आमने-सामने बैठाने का तरीका अपनाया, ताकि शिकायत और जवाब उसी वक्त सुने जा सकें।
किन मामलों पर गिरी गाज
मीरगंज थाने में डीपी एक्ट समेत गंभीर धाराओं के केस में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर वादी ने शिकवा किया। विवेचक एसआई अरुण कुमार की लापरवाही साबित हुई। एसएसपी ने उन्हें चेतावनी दी और 72 घंटे में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। वहीं भोजीपुरा थाने में पाक्सो एक्ट वाले केस में आरोपियों की गिरफ्तारी न होना भारी पड़ा। विवेचक एसआई सुशील कुमार पर जांच बैठा दी गई। किला थान में आईटी एक्ट वाले केस की जांच संतोषजनक मिली, एसएसपी ने केवल समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। इज्जतनगर थाने में वादी ने जांच बदलने की मांग की थी, मगर विवेचक सतीश कुमार की विवेचना संतोषजनक पाई गई।
एसएसपी का साफ संदेश
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि विवेचना में देरी और ढिलाई किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। हर केस का निष्पक्ष और समयबद्ध निस्तारण ही ‘दर्पण’ पहल का मकसद है।