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बारां

जिले में उच्च शिक्षा के धीमे कदम, नौ दिन में अढाई कोस

चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज शुरू किए करीब एक वर्ष होने को है, लेकिन द्वितीय सत्र शुरू करने के लिए फैकल्टी का टोटा हो रहा है।

बारांJun 10, 2025 / 12:31 pm

mukesh gour

चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज शुरू किए करीब एक वर्ष होने को है, लेकिन द्वितीय सत्र शुरू करने के लिए फैकल्टी का टोटा हो रहा है।

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फूड एंड क्राफ्ट व होटल मैनेजमेंट इंस्टीट््यूट की आस अधूरी

मेडिकल कॉलेज में बिना फैकल्टी दूसरे बैच की तैयारी

बारां. सरकार की ओर से बारां जिले में उच्च शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। इससे उच्च शिक्षा की विभिन्न परियोजनाएं हिचकोले खाते हुए चल रही हैं। कुछ में प्रवेश हो चुके हैं, पढ़ाई भी चल रही है तो कुछ संस्थान आधे अधूरे संसाधनों से जूझ रहे हैं। पर्यटन और होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फूड एंड क्राफ्ट (एफसीआई) व होटल मैनेजमेंट इंस्टीट््यूट शुरू किया जाना है, लेकिन करीब 6 साल बाद भी काम अधूरा पड़ा है। चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज शुरू किए करीब एक वर्ष होने को है, लेकिन द्वितीय सत्र शुरू करने के लिए फैकल्टी का टोटा हो रहा है। कुछ दिनों पहले फैकल्टी के 55 पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे तो बहुत कम आवेदन मिले। इसमें भी दो का ही चयन हुआ। वहीं, बीएससी नर्सिंग कॉलेज के लिए हॉस्टल भवन का निर्माण कार्य अधूरा होने से उसे शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।
कमियां नहीं हुई पूरी, टीम आने की तैयारी

सूत्रों का कहना है कि गत 16 अप्रेल को ही राष्ट्रीय होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसीटी) व प्रदेश स्तरीय अधिकारियों की टीम ने फिजिकल निरीक्षण किया था। इसमें आवश्यक निर्माण को लेकर कमियां बताते हुए सुधार के निर्देश दिए थे, लेकिन डेढ़ माह बाद भी कमियों को दुरूस्त नहीं किया गया। हॉस्टल भवन बनाना है, लेकिन उसकी डीपीआर तक नहीं भेजी गई है। डीपीआर व ब्ल्यू ङ्क्षप्रट स्वीकृती के बाद बजट मिलेगा। करीब 110 लाख की राशि से गल्र्स और ब्वॉयज हॉस्टल बनना है। वहीं, मान्यता के लिए 13 जून को एनसीएचएमसीटी की टीम का निरीक्षण प्रस्तावित है।
उधारी के भवन में चल रहा है कॉलेज

नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसीपल वंदना पांचाल ने बताया कि यहां मेडिकल कॉलेज के आगे बीएससी नर्सिंग कॉलेज शुरू किया जाएगा। इसका एकेडमिक ब्लॉक लगभग तैयार हैै, लेकिन गल्र्स व बॉयज हॉस्टल का काम अधूरा है। फिलहाल यह जिला अस्पताल परिसर में संचालित है। यहां 60-60 के तीन बैच चल रहे हैं। हॉस्टल नहीं होने के कारण इसे शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। यह दिसंबर 2022 में शुरू हो गया था।
धीमी रफ्तार से देरी

फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट््यूट की ङ्क्षप्रसिपल रजनी कुमारी ने बताया कि करीब 110 लाख की लागत से दोनों हॉस्टल बनना है। इसके बजट को लेकर डीपीआर मांगी जा रही है। अप्रेल में फिजिकल निरीक्षण के दौरान मिली कमियों को पूरा करने और हॉस्टल की डीपीआर आदि के लिए उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार कार्यकारी ऐजेंसी आरएसआरडीसी को कहा गया है। अब 13 जून को मान्यता के लिए निरीक्षण होना तय है। निर्माण में देरी के चलते ही देरी हो रही है। दो माह में निर्माण पूरा हो जाता है तो अगस्त में प्रवेश शुरू करने की योजना है।
फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट््यूट में निरीक्षण में मिली कुछ प्रमुख कमियों के लिए टेंडर निकाल कर संवदक को साइड बता दी है। हॉस्टल के लिए डीपीआर की भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल दो माह में तैयार कर लिए जाएंगे।
ललित कुमार, प्रोजेक्ट निदेशक, आरएसआरडीसी (अतिरिक्त प्रभार)

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