मजबूरी करवा रही इस उम्र में कड़ी मजदूरी मनरेगा में मजदूरी करने वाले 80 व इससे अधिक आयु के लगभग सभी बुजुर्ग ग्रामीण अंचल से है। अस्सी की उम्र में पेट भरने के लिए इन बुजुर्गों को पसीना बहाना पड़ रहा है। कोई आर्थिक हालात के आगे बेबस हैं तो कोई किसी के घर में कमाने वाला कोई नहीं है। यानी इन सबसे कोई न कोई मजबूरी मजदूरी करवा रही है। प्रदेश में डूंगरपुर ऐसा जिला है जहां अस्सी व इससे अधिक उम्र के सर्वाधिक 5855 बुजुर्ग मनरेगा में मजदूरी कर रहे हैं। जबकि धौलपुर में इस आयु वर्ग के मजदूरी करने वाले बुजुर्ग सिर्फ 106 ही है।
इनमें सर्वाधिक संख्या प्रौढ़ मजदूरों की
प्रदेश में मनरेगा में मजदूरी करने वालों में सबसे ज्यादा 21 लाख 45 हजार 256 श्रमिक प्रौढ़ावस्था वाले हैं।जिनकी आयु 41 से 50 वर्ष के बीच है। जबकि 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के 9 लाख 26 हजार 795 श्रमिक,31 से 40 साल की आयु के 20 लाख 28 हजार 463 मजदूर, 51 से 60 साल की आयु वाले 14 लाख 90 हजार 222 मजदूर,तथा 61 से 80 साल तक की आयु के 10 लाख 71 हजार 284 ओर 80 से ज्यादा आयु वाले 48 हजार 702 श्रमिक शामिल हैं।
हाड़ौती में सर्वाधिक मजदूर झालावाड़ में मनरेगा में मजदूरी कर रहे 80 साल से अधिक के सर्वाधिक मजदूर झालावाड़ जिले में हैं। यहां पर 1124 मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं। इसी प्रकार दूसरा स्थान बारां जिले का है। यहां पर इस श्रेणी में मनरेगा मजदूरों की संख्या करीब 774 है। इसके बाद कोटा जिले का नाम है, जहां पर मजदूरों की संख्या 555 है। अंतिम स्थान पर बूंदी है। यहां पर मनरेगा में मजदूरी करने वाले 80 पार मजदूरों की संख्या करीब 465 है।
प्रदेश में अस्सी साल पार आयु के मनरेगा श्रमिक जिला श्रमिक
भीलवाड़ा 3974
प्रतापगढ़ 980
राजसमंद 1357
उदयपुर 1543
बांसवाड़ा 2001
डूंगरपुर 5855
अजमेर 2005
अलवर 266
चितौडगढ़़ 745
बाड़मेर 4709
भरतपुर 200
बीकानेर 1364
चूरू 2055
दौसा 378
धौलपुर 106
हनुमानगढ़ 2110
जयपुर 312
जैसलमेर 861
जालोर 588
झुंझुनू 313
जोधपुर 2043
करोली 341
नागौर 3985
पाली 1289
सवाईमाधोपुर 369
सीकर 419
सिरोही 524
श्रीगंगानगर 4610
टोंक 482
कुल 48702