एसीबी कोटा इंटेलिजेंस यूनिट के नेतृत्व में पुलिस उप अधीक्षक ताराचंद की टीम ने यह कार्रवाई कोटा में की। अदालत के आदेश पर आरोपी अजय सिंह को बारां जेल से कोटा लाकर उसकी उपस्थिति में लॉकर खोले गए। हर लॉकर से नकदी की गड्डियाँ मिलने पर अफसर भी चौंक गए। आरोपी के दो लॉकरों से 15-15 लाख, बेटी के लॉकर से 15 लाख और संयुक्त लॉकर से 14 लाख रुपये मिले। इससे पहले 28 अप्रैल को आरोपी अजय सिंह को 5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। ट्रेप के दौरान उसके पास से 50 हजार की संदिग्ध नकदी भी मिली थी। इसके बाद 29 अप्रैल को उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
अब तक की जांच में आरोपी के घर से 2 लाख नकद, सोने की 7.5 लाख की ज्वैलरी, 361 चांदी के सिक्के, एफटी में 76 लाख, सेविंग अकाउंट में 2 लाख, बीमा पॉलिसी में 5 लाख, दो कार, एक स्कूटी और 8 लॉकरों से मिलाकर कुल 1.09 करोड़ की संपत्ति बरामद हो चुकी है। एसीबी की टीम अब आरोपी की अन्य संपत्तियों और निवेश की गहराई से जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि बेटे के नाम पर एक रेडीमेड शोरुम में पार्टनरशिप के बारे में जानकारी मिली है। बेटी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। परिवार के अन्य लोगों के नाम से भी प्रॉपर्टी की जानकारी मिल रही है। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि अजय सिंह सिर्फ छह महीने बाद ही रिटायर होने वाले थे। लेकिन इससे पहले उन्होनें रिश्वत कांड कर डाला और अब उसमें फंस गए।