तीन स्तर की प्रक्रिया में हो रही देरी
पहला – पशु का पंजीयन।दूसरा – href="https://www.patrika.com/banswara-news/rajasthan-cattle-farmers-not-liking-mukhyamantri-pashu-bima-yojana-but-banswara-is-at-top-19328478" data-type="link" data-id="https://www.patrika.com/banswara-news/rajasthan-cattle-farmers-not-liking-mukhyamantri-pashu-bima-yojana-but-banswara-is-at-top-19328478" target="_blank" rel="noopener">पशु चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण और प्रमाण-पत्र जारी करना।
तीसरा – बीमा कंपनी द्वारा सर्वे के बाद पॉलिसी जारी करना।
दस्तावेज सत्यापन का बहाना
अधिकारियों का कहना है कि कुशलगढ़, छोटी सरवन, आबपुरा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में दस्तावेज सत्यापन और पशु की उपस्थिति सुनिश्चित करने में दिक्कतें आ रही हैं, जिससे प्रक्रिया बाधित हो रही है।खड़े हो रहे सवाल
31 जुलाई को योजना की अंतिम तिथि है, लेकिन विभागीय कार्यप्रणाली को देखते हुए सैंकड़ों पशुपालकों को समय रहते बीमा सुरक्षा मिल पाएगी या नहीं, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।बांसवाड़ा में तीस हजार से ज्यादा पंजीकृत
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिलेभर में कुल 30,582 पशुओं का पंजीयन हुआ है। इनमें से 20,068 पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट बनाए जा चुके हैं। जबकि अब तक सिर्फ 14,147 पशुओं की बीमा पॉलिसी ही जारी हो पाई है। यानी पंजीकृत पशुओं में से आधे से अधिक बीमा सुरक्षा से अब तक बाहर हैं।गनोड़ा में भी अधूरा कवरेज, कई पशु लाभ से दूर
गनोड़ा तहसील की 23 ग्राम पंचायतों में योजना के तहत 1,400 पशुओं का पंजीयन हुआ था। प्रभारी पशु चिकित्सक विकास जांगिड़ के अनुसार इनमें से 1,010 पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, जबकि 300 प्रमाण-पत्र और उससे अधिक बीमा पॉलिसियां अभी तक लंबित हैं।सभी लंबित कार्य पूरे करने के किए जा रहे हैं प्रयास
बांसवाड़ा जिले में कुल 30,582 पशुओं का पंजीयन हुआ है। इनमें से 20,068 पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए हैं। अब तक बीमा कंपनी ने 14,147 पशुओं का बीमा किया है। योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, इससे पहले सभी लंबित कार्य पूरे करने के प्रयास किए जा रहे हैं।डॉ. विजय सिंह भाटी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग