देशभर में 10 इकाइयों की मंजूरी, बांसवाड़ा में सबसे बड़ा सेटअप
जून 2017 में केंद्र सरकार ने देश में 10 स्वदेशी रिएक्टरों की घोषणा की थी। इनमें से बांसवाड़ा में 4 इकाइयों के साथ सबसे बड़ा संयंत्र प्रस्तावित है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा (गोरखपुर) में दो-दो इकाइयों की स्थापना की जानी है। इस तरह कुल मिलाकर 7000 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता विकसित की जाएगी।मौके पर प्रारंभिक कार्य जारी
फिलहाल परियोजना स्थल पर चारदीवारी का निर्माण, अस्थायी कार्यालयों की स्थापना और गहराई तक मिट्टी की जांच के लिए पाइप ड्रिलिंग का कार्य चल रहा है। यह भूगर्भीय और संरचनात्मक जानकारियों के लिए आवश्यक है, ताकि निर्माण के दौरान तकनीकी समन्वय में कोई बाधा न आए।चार इकाइयों में होगा 700-700 मेगावाट का उत्पादन
एनपीसीआइएल की ओर से माही बांसवाड़ा रिएक्टर प्रोजेक्ट (एमबीबारएपीपी ) के तहत 700 मेगावाट की चार इकाइयों की स्थापना की जा रही है। यह परियोजना पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसे एनपीसीआइएल व एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम ’अनुशक्ति विद्युत निगम’ द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।राजस्थान में यहां बनेगी देश की सबसे बड़ी गौशाला, 1000 करोड़ रुपए होंगे खर्च
एईआरबी से अनुमति मिलने के बाद खुदाई का टेंडर जारी कर दिया है। एक दो माह में खुदाई का काम चालू होगा। माही प्रोजेक्ट पूरी तरह देश में विकसित तकनीकी पर लगाया जाएगा।–एसबी जोशी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, माही पावर प्रोजेक्ट, बांसवाड़ा