यह बताया घटनाक्रम
डिपो सूत्रों के मुताबिक वारदात रात करीब दो बजे हुई। शनिवार सुबह गोदाम पर पहुंचे सुपरवाइजर जेठूसिंह ने पीछे की तरफ दीवार में सेंध और शराब की पेटियों की थप्पियां अस्त-व्यस्त पाकर इत्तला दी। इस पर डिपो मैनेजर कल्याणप्रसाद लबाना पहुंचे। बाद में जानकारी देने पर सदर थाने के एएसआई रमेशचंद्र के नेतृत्व में टीम ने पहुंचकर हालात देखे। यहां पीछे नाले और सामने खेतों की तरफ शराब के फाड़े हुए कर्टन और कुछ खाली बोतलें मिलीं। इससे कयास रहा कि चोरों ने शराब की पेटियां निकालने के बाद बोतलें कट्टों में भरी और कुछ बोतलों की शराब पीने के बाद वहीं फेंक गए। यहां कुछ शराब से भरी बोतलें भी उनसे छूट गई, जो खेत और नाले में बिखरी मिलीं।पहले बताया 100 पेटी, फिर बदला आंकड़ा
चोरी में हुए नुकसान को लेकर चर्चा पर शनिवार शाम को आरएसबीसीएल के डिपो प्रबंधक कल्याण लबाना ने विभिन्न ब्रांड की सौ पेटी शराब चोरी होना बताई। फिर थाने पहुंचकर रिपोर्ट में रेंडमली 60-70 पेटी शराब चोरी होने की जानकारी दी। फिर रिपोर्ट अधूरी होने से बिना रिपोर्ट लौट गए। उसके बाद रविवार को फिजिकल वैरिफिकेशन पर मालूम हुआ कि यहां से विभिन्न ब्रांड की 1430 बोतलें चोरी हुईं। कुल 41 पेटी शराब में क्वार्टर के कर्टन भी शामिल थे। चोरी गए माल की कीमत 4 लाख 43 हजार 660 रुपए का बताया गया। मामले को लेकर निगम के जयपुर मुख्यालय से जीएम अंकित गुप्ता ने भी रविवार को बांसवाड़ा पहुंचकर मुआयना किया।डिपो प्रबंधक ने शनिवार शाम को 60-70 पेटी शराब चोरी होना बताया, लेकिन किस ब्रांड की कितनी शराब गई और कीमत कितनी थी, इसका कोई उल्लेख नहीं किया। चर्चा पर लौटने के बाद रविवार को वापस थाने आकर रिपोर्ट दी। केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।