वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे ने विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक के नेतृत्व में एक टीम को तुरंत घटनास्थल पर जाकर गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है। अगर वन कर्मचारियों की लापरवाही या बिजली या जहर जैसी वजहों से मौत की पुष्टि होती है, तो अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कहा है।
एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य, चामराजनगर सर्कल के मुख्य वन संरक्षक टी. हीरालाल ने कहा, प्रथम दृष्टया, यह जहर का मामला प्रतीत होता है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, यह निश्चित रूप से अप्राकृतिक मौत का मामला है। ऐसी अटकलें हैं कि बाघिन ने एक गाय को मार डाला और उसे जंगल के अंदर खींच ले गई। उसने शिकार का कुछ हिस्सा खाया था। संदेह है कि वह शव के बाकी हिस्से लेने लौटी होगी। हो सकता है कि इस दौरान कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने शव में जहर मिला दिया हो।
एम.एम. हिल्स वन्यजीव अभयारण्य 906 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां बाघ, तेंदुआ, हाथी और कई तरह की शिकार प्रजातियां पाई जाती हैं। इस अभयारण्य को बाघ अभयारण्य में अपग्रेड करने का प्रस्ताव था, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे रोक दिया गया।
बाघों की मौत बेहद दुखद सरकार ने बाघों की मौतों Tigers death in Karnataka को गंभीरता से लिया है। यह बहुत चिंता की बात है कि एक ही दिन में पांच बाघों की मौत हो गई। 563 बाघों के साथ, कर्नाटक बाघों की आबादी के मामले में भारत में दूसरे स्थान पर है। बाघ संरक्षण में अपनी सफलता के लिए जाने जाने वाले राज्य में एक ही दिन में पांच बाघों की मौत बेहद दुखद है।
-ईश्वर खंड्रे, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री