वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए और बच्चों (3 से 6 वर्ष) के लिए 10 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया है। कारों के लिए पार्किंग शुल्क 50 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए, मिनी बस के लिए 70 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए, बस के लिए 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए, दोपहिया वाहनों के लिए 10 रुपए से बढ़ाकर 20 रुपए और तिपहिया वाहनों के लिए 20 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया है। पार्किंग शुल्क सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे म्यूजिकल फाउंटेन शो के खत्म होने के 45 मिनट बाद तक वसूला जाएगा।केआरएस बांध के नीचे पुल पर टोल दरों में भी संशोधन किया गया है। नए शुल्क तीन पहिया वाहनों के लिए 50 रुपए, चार पहिया वाहनों के लिए 100 रुपए, मिनी बसों के लिए 100 रुपए, बसों के लिए 200 रुपए, लॉरी/छह पहिया वाहनों के लिए 200 रुपए और दस पहिया भारी वाहनों के लिए 300 रुपए हैं। तीन महीने के भीतर एक स्वचालित फास्टैग-लिंक्ड टोल संग्रह प्रणाली चालू होने की उम्मीद है।
आखिरी बार 2019 में संशोधन कावेरी नीरवरी निगम (सीएनएन) के सहायक कार्यकारी अभियंता फारूक अहमद अबू ने कहा, टैरिफ में आखिरी बार 2019 में संशोधन किया गया था। हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्वरामय्या की अध्यक्षता में हुई सीएनएन बोर्ड की बैठक में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया और उसे मंजूरी दी गई। हालांकि, इसे 1 मई को लागू किया जाना था, लेकिन फिलहाल बढ़ोतरी पर रोक लगी हुई है। अब तक सीएनएन के कर्मचारी प्रवेश टिकट संग्रह का काम संभालते थे। अब एक निजी ठेकेदार को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। समझौते की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुल्क वृद्धि लागू हो जाएगी।
जनता के सिर पर निवेश का भार अधिकारियों के अनुसार पुनरुद्धार परियोजनाओं में भारी निवेश के कारण शुल्क में वृद्धि हुई है। पिछले साल 2.60 करोड़ रुपए की लागत से संगीतमय फव्वारे का नवीनीकरण किया गया था। कावेरी आरती परियोजना के लिए 92.30 करोड़ रुपए की लागत से सिविल कार्य प्रगति पर हैं। 2,615.96 करोड़ रुपए की लागत से वृंदावन गार्डन में एक मनोरंजन पार्क और अन्य संवर्द्धन विकसित किए जा रहे हैं। अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के उन्नयन में बस स्टैंड के लिए 5 करोड़ रुपए, सीसीटीवी कैमरे, बैगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगाने के लिए 5 करोड़ रुपए और छह छत उद्यानों में से दो पर फव्वारों के नवीनीकरण के लिए 10 करोड़ रुपए शामिल हैं।
विरोध की चेतावनी हालांकि, पर्यटन हितधारकों ने शुल्क वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। मैसूरु ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी. एस. प्रशांत ने कहा, हम इस निर्णय का विरोध करेंगे। पुल के लिए टोल पूरे बेंगलूरु-मैसूरु एक्सप्रेसवे खंड के लिए एकत्र किए गए टोल से अधिक है। अधिकारियों को पहले शौचालय और पार्किंग क्षेत्र में सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना चाहिए।
पर्यटन क्षेत्र उपेक्षित कर्नाटक पर्यटन मंच के पूर्व उपाध्यक्ष एम. रवि ने भी इसी तरह की चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को स्वच्छ शौचालय, उचित प्रकाश व्यवस्था, सीमेंटेड पार्किंग बे उपलब्ध कराने और पर्यटन पुलिस ‘मित्र’ तैनात करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कर्नाटक का पर्यटन क्षेत्र अपने आर्थिक महत्व के बावजूद उपेक्षित बना हुआ है।