अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों से निपटने में बीएसएफ कर्मियों की तैयारी और प्रतिक्रिया का आकलन करना था।यादव ने समय-समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया ताकि किसी भी संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने ड्रिल के दौरान प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षक कर्मचारियों की भागीदारी और उत्साह के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। यह मॉक ड्रिल बीएसएफ कर्मियों की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम था।
ड्रिल के दौरान, प्रशिक्षुओं ने अग्निशमन और हताहतों को निकालने की प्रक्रियाओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। अभ्यास के बाद डिप्टी कमांडेंट (प्रशासन) अनिल कुमार मीना ने मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें और क्या न करें के बारे में जवानों को जानकारी दी।एसटीसी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी शफीना साहनी ने चोटों के प्रकार और विभिन्न स्थितियों में घायल कर्मियों को संभालने के लिए आवश्यक तरीकों पर जानकारी दी। घायलों को सुरक्षित ढंग से अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।