CG News: बलौदाबाजार जिले में शिक्षकों की कमी से परेशान हो रहे बच्चे सड़कों पर उतरने को आमादा हैं। इसको लेकर अपने गांव से कलेक्टर कार्यालय तक प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों मांग को लेकर लगातार छात्र जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। कभी कलेक्ट्रेट तो कभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में छात्रों का जमावड़ा देखा जा रहा है। वहीं गांव के स्कूल और सड़कों पर भी स्टूडेंट का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बलौदा बाजार जिले में लगभग सेटअप की बात करें तो लगभग 1300 शिक्षक के पद खाली हैं।
इनमें 600 से अधिक व्याख्याता के पोस्ट हैं। ऐसे में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग लंबे समय से चल रही है। इसी क्रम में जहां एक तरफ कसडोल विकासखंड के दूरस्थ गांव टुण्ड्रा स्कूल के छात्र एक बार फिर जिला मुख्यालय पहुंचे। इस बार वे सीधे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और शिक्षक की मांग की। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि पिछले सप्ताह जब उन्होंने
कलेक्टर कार्यालय में धरना दिया था, तब उन्हें शिक्षक की व्यवस्था करने का आश्वासन मिला था, लेकिन अब तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है।
टुण्ड्रा की तरह ही पलारी विकासखंड के ग्राम साहड़ा स्कूल के स्टूडेंट्स भी आज शिक्षकों की कमी और सड़क के जर्जर अवस्था से आक्रोशित हो गिधपुरी पलारी मार्ग को जामकर प्रदर्शन किया। नारेबाजी की। छात्र-छात्राओं के आक्रोश को देखते हुए डीईओ ने टुण्डरा स्कूल की शिक्षिका को व्यकल्पिक व्यवस्था के तहत हाईस्कूल व हायर सेकंडरी को पढ़ाने का आदेश जारी किया है।
विकासखंड कसडोल के एकमात्र एकलव्य आवासीय विद्यालय सोनाखान के बच्चे सोमवार को बिजली, पानी भोजन जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कलेक्टर से मिलने एक सर्विस बस में सवार होकर निकले थे। जैसे ही ये खबर जिला प्रशासन को मिली उसके बाद कसडोल एसडीएम आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त और कसडोल पुलिस के द्वारा नाकेबंदी कर एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों को पहले रोका गया, फिर उन्हें समझाइश दी गई।
बावजूद इसके आक्रोशित बच्चे नहीं माने और पैदल ही बलौदाबाजार की ओर निकल पड़े। एक तरफ बच्चे पैदल चल रहे थे, वहीं उनके पीछे एसडीएमए तहसीलदार और पुलिस की टीम चल रही थी। इस बीच बच्चे पैदल ही करीब 5 किलोमीटर तय कर चुके थे। घंटों समझाइश के बाद बच्चे डोंगरीडीह गांव में रुके। बच्चों की जिद थी कि वे अपनी बात कलेक्टर के सामने ही रखेंगे।
यहां तक कि मीडिया से भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दुर्व्यवहार किया गया। बच्चों की जिद के आगे कसडोल एसडीएम को झुकना पड़ा और फिर 4 बच्चों को लेकर एसडीएम कलेक्टर कार्यालय रवाना हुए। बच्चों ने कलेक्टर से अपनी बात कहीं है। वही बच्चों के पालक ने बताया कि यह समस्या पिछले 3-4 सालों से है। हर साल केवल आश्वासन ही मिलता है। समस्या का समाधान नहीं होता है तो आगे उग्र आंदोलन करेंगे। इनका कहना है सोनाखान स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय के विधार्थी अपनी समस्याओं के लेकर आये थे, जिसमें सबसे बड़ी समस्या बिजली की है।
जैसे ही मौसम खराब होता है जंगल-झाड़ियों के बीच से विधुत लाइन होने से अक्सर बिजली गुल हो जाती है। इसके कारण पीने की पानी की समस्या और अन्य निस्तारी समस्या आ जाती है। जिसे स्थायी रूप से सुधारने का निर्देश विधुत विभाग को दिया हुआ है जो अपनी पूरी टीम के साथ सोनाखान पहुंच चुके हैं।
जब से एकलव्य आवासीय विद्यालय प्रारंभ हुआ है तब से अब तक यहां हर तरह की समस्या बनी हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या बताई जाती है पर अब तक आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला। किसी भी अधिकारी ने समस्याओं को सुलझाने का प्रयास नही किया।
मनोहर सिंह ध्रुव, अध्यक्ष, पालक समिति
चार वर्ष पूर्व बच्चों के मार्कशीट में कुछ त्रुटियां हो गई थी, जिसे प्राचार्य व्दारा रीजनल आफिस भुवनेश्वर भेजा गया है। आने पर बच्चो को दे दी जाएगी।
दीपक सोनी, कलेक्टर बलौदाबाजार
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