इस सत्र किसानों को बेचे गए गन्ने का लगभग एक करोड़ रुपए का भुगतान शक्कर कारखाना प्रबंधन व शासन ने नहीं किया है, जिससे गन्ना उत्पादक किसानों में नाराजगी है।
CG News: डिप्टी सीएम से मिलकर अपनी समस्या बताई
सोमवार को जिले के गन्ना उत्पादक किसानों ने जिले के प्रभारी व उप
मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मिलकर जल्द राशि का भुगतान व गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की है। कारखाना के जीएम लीलेश्वर कुमार देवांगन ने कहा कि किसानों की सूची तैयार है। जल्द राशि का भुगतान किया जाएगा।
विभाग के मुताबिक दिसंबर 2024 में कारखाना में पेराई शुरू हुई। मार्च में पेराई खत्म हुई। लगभग एक हजार
किसानों ने 64 लाख 647 मीट्रिक टन गन्ना बेचा है। इसकी लागत लगभग 20 करोड़ 37 लाख रुपए है। अभी तक 180 किसानों को एक करोड़ रुपए का भुगतान करना बाकी है।
किसानों की नाराजगी इसलिए हर साल घट रहा रकबा – जिले में गन्ना की खेती के फायदे को लेकर कृषि विभाग, शक्कर कारखाना विभाग किसानों को बता रहा है और किसानों को प्रोत्साहित कर रहे है। लेकिन किसानों का रुझान गन्ने में कम व धान में ज्यादा होता दिखाई दे रहा है। तीन साल पहले धान का रकबा जिले में लगभग 13 सौ हेक्टेयर था, जो बीते साल घटकर 11 सौ हेक्टेयर हो गया।कारखाना प्रबंधन की माने तो इस साल 1219 हेक्टेयर में किसानों ने गन्ने की खेती की है।
हर साल अन्य जिले के किसानों से भी खरीदते है गन्ना
पहले किसानों को परिवहन शुल्क भी देते थे। कारखाना को जिले के गन्ना उत्पादक किसानों से आए गन्ने से पूरी तरह से चलाना सम्भव नहीं है यही वजह है पड़ोसी जिले के किसानों से कारखाना में गन्ना मंगाते हैं। तब तीन से चार माह कारखाना में पेराई होती है। गन्ना बेचने वाले 180
किसानों का भुगतान बाकी है। लगभग एक करोड़ का भुगतान किया जाएगा। राशि आ चुकी है जल्द ही किसानों के खाते में डाल दी जाएगी। गन्ना उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक किा जा रहा है। इस साल उत्पादन बढ़ने के आसार है।
हर हाल में बढ़ाए समर्थन मूल्य
गन्ना उत्पादक किसान संघ के संरक्षक छगन देशमुख ने कहा कि पांच साल से गन्ना का समर्थन मूल्य बढ़ा नहीं है। सिर्फ बोनस की राशि ही बढ़ रही है। उसका भी भुगतान समय पर नहीं होता। हर हाल में समर्थन मूल्य बढ़ाएं। सरकार व कारखाना प्रबंधन की कार्यप्रणाली समझ से परे है। ऐसा ही चलता रहा तो कारखाना में संकट के बादल छाने लगेंगे। गन्ना उत्पादक किसान नाराज है।