ट्रांसफार्मर खराब, सोलर सिस्टम निष्क्रिय
रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को अस्पताल के ट्रांसफार्मर में खराबी आने के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बैकअप के तौर पर लगाए गए सौर ऊर्जा संयंत्र को भी सक्रिय नहीं किया जा सका। नतीजतन, डॉक्टरों और स्टाफ को मोबाइल फोन की टॉर्च के सहारे प्रसव कराना पड़ा। बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजीव बर्मन ने पुष्टि की कि मामले की जानकारी मिलते ही पीएचसी प्रभारी और अन्य अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया। उन्होंने कहा, ‘जांच में पाया गया कि ट्रांसफार्मर खराब था, जिसे अब बदल दिया गया है। अस्पताल का जेनरेटर भी क्रियाशील पाया गया है। मोबाइल की रोशनी में डिलीवरी की पुष्टि की जा रही है; जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।’
स्थानीयों का आरोप: बदहाल सुविधाएं और लचर प्रबंधन
स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह स्वास्थ्य केंद्र 26 गांवों की करीब 70,000 की आबादी की स्वास्थ्य ज़रूरतों को पूरा करता है। उन्होंने बताया कि यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे चार प्रसव मोबाइल की रोशनी में कराए गए। साथ ही मरीजों को भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। सीएमओ ने इन आरोपों को लेकर कहा कि शिकायतों की बाढ़ संभावित “लॉबिंग” (दबाव) का परिणाम हो सकती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अंतिम निष्कर्ष जांच के बाद ही सामने आएगा।
पहले भी सुर्खियों में आया था बलिया
गौरतलब है कि 24 मई को सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के लाउंज में एक महिला को फर्श पर बच्चे को जन्म देते हुए वीडियो वायरल हुआ था। उस मामले में सीएमओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इमरजेंसी मेडिकल अधिकारी, शिफ्ट डॉक्टर और दो स्टाफ नर्सों का तबादला कर दिया था।