वैनगंगा नदी किनारे डंप कर बनाया गया रेत का पहाड़ भी यहां नियम ताक पर रखकर अवैध खनन की पुष्टि कर रहा है। नदी के बीच जहां डंपर खड़ा है, वहां रेत की ऐसी खुदाई की गई है कि आसपास पानी निकल आया है। उसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि डंपर चालक जान जोखिम में डालकर रेत भरने बीच नदी में पहुंच रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि आखिर रेत में ऐसा क्या है कि एक निश्चित वेतन पर काम करने वाला डंपर व पोकलेन मशीन चालक जान जोखिम में डाल रहे हैं। पुलिस व जिला प्रशासन मौन क्यों है? खनिज अमला तमाशबिन क्यों बना हुआ है?
उनका कहना है कि यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में किसी बड़े हादसे के लिए उनको तैयार रहना होगा। उस समय उनके पास अफसोस करने के अलावा कुछ नहीं बचेगा, क्योंकि जिस तरह से रेत खनन चल रहा और बीच नदी तक डंपर जा रहे हैं। यदि नदी से अचानक निकलने वाले पानी के पास या वहां तक जाने वाले रास्ते का रेत कभी धसक गया तो स्थिति बिगड़ते देर नहीं लगेगी।
चार दिन पहले बना था डंप रेत का पंचनामा पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने बीते दिनों अवैध रेत खनन व डंप किए जाने की शिकायत की थी। उनकी शिकायत के बाद नींद से जागे खनिज निरीक्षक ने भौरगढ़ में डंप रेत का पंचानामा बनाया था। खास है कि उसी डंप रेत पर फिर से रेत डंप हो रहा है। बताया जा रहा है कि खनिज निरीक्षक ने जिसकी जमीन पर रेत डंप है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी वजह से अवैध तरीके से रेत डंप करने वालों के हौसले बुलंद है।
वर्जन – रात को मुझे सूचना मिली थी। इस पर मैंने थाना खैरलांजी को सूचना दिया। खैरलांजी थाना की पुलिस वाहन के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस को वहां पर खाली डंपर व पास में एक बड़ा गड्ढा मिला। अनुमान है कि उस समय तक पोकलेन मशीन छुपा दिया गया था। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकना मेरी प्राथमिकता में शामिल है। मैं लगातार इसकी सूचना शासन-प्रशासन को देता रहूंगा। बीते दिनों मैंने दो-तीन स्थानों से रेत जब्त कराया था। – गौरव सिंह पारधी, भाजपा विधायक विधानसभा क्षेत्र कटंगी।