यह मामला जहानागंज थाना क्षेत्र के कुंजी गांव का है। गांव निवासी अशोक दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और उनकी पत्नी भी चलने-फिरने में असमर्थ हैं। अशोक का कहना है कि उनके घर तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है। गांव में चकबंदी का कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक उनके आवास तक मार्ग नहीं बन पाया है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जब कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है।
बार बार लगाया गुहार लेकिन नहीं हुई सुनवाई
अशोक ने बताया कि वह प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः वे अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर डीएम कार्यालय पहुंचे, ताकि अपनी बात सीधे जिलाधिकारी के समक्ष रख सकें। तपती जमीन से घुटनों को बचाने के लिए उन्होंने गमछे का सहारा लिया। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम कार्यालय परिसर में मौजूद अधिकारी और नागरिक अशोक की स्थिति देखकर स्तब्ध रह गए। अशोक ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके घर तक पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए, जिससे उन्हें आवागमन में राहत मिल सके।
यह दृश्य न सिर्फ श्रवण कुमार की कथा की याद दिलाने वाला था, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव की स्थिति को भी उजागर करता है।