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अनूपपुर

नर्मदा किनारे की मिट्टी सबसे उपजाऊ, पुष्पराजगढ़ की भूमि हर फसलों की खेती के लिए उपयुक्त

किसानों के भूमि में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जांच के लिए मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जिले के चारों विकासखंड में संचालित की जा रही है। जहां किसानों के खेत की मिट्टी के नमूनों की जांच करते हुए कौन-कौन से पोषक तत्व इसमें हैं और किन पोषक तत्वों की कमी है, इसकी जांच की जाती […]

अनूपपुरJun 04, 2025 / 11:59 am

Sandeep Tiwari

किसानों के भूमि में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जांच के लिए मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जिले के चारों विकासखंड में संचालित की जा रही है। जहां किसानों के खेत की मिट्टी के नमूनों की जांच करते हुए कौन-कौन से पोषक तत्व इसमें हैं और किन पोषक तत्वों की कमी है, इसकी जांच की जाती है। साथ ही जांच के बाद उपचार के लिए क्या उपाय किए जाएं इसकी जानकारी भी विभाग किसानों को प्रदान करता है। पवित्र नगरी अमरकंटक से मां नर्मदा का उद्गम है और तीर्थ स्थल के रूप में तो यह पूरे देश में जाना ही जाता है। साथ ही नर्मदा नदी से लगे हुए कृषि क्षेत्र को एक और नई पहचान मिली है। जिले में नर्मदा नदी से लगी हुई भूमि के नमूनों की जांच की गई जिसमें यह जिले भर में कृषि के लिए सबसे उपयुक्त भूमि पाई गई है। दोनों फसलों के साथ ही दलहन की फसलों की भी यहां बेहतर पैदावार होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि यहां जैविक खाद का प्रयोग किसान करते हैं। जिसके कारण भूमि की उर्वरा शक्ति बनी हुई है। जबकि जैतहरी, अनूपपुर, कोतमा की भूमि की उर्वरा शक्ति यहां की तुलना में कम है। पुष्पराजगढ़ के नर्मदा तक से लगी हुई भूमि में सभी 12 पोषक तत्व पाए गए हैं जबकि अनूपपुर कोतमा और जैतहरी में पाई जाने वाली भूमि में मुख्य तत्व तो है लेकिन सूक्ष्म तत्व बोरान, जिंक, मैंगनीज की कमी यहां पाए जाने वाले भूमि में है।

जिले में यह है मृदा परीक्षण की स्थिति

जिले में मृदा परीक्षण के लिए खरीफ फसल सीजन के लिए 11648 किसानों का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से अभी तक 2418 किसानों के खेतों के मिट्टी के नमूनों की ही जांच हो पाई है। शेष 9230 किसानों के खेतों के नमूने की जांच अभी तक नहीं हुई। जुलाई महीने तक इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अभी तक आधा कार्य भी नहीं हो पाया है।

12 पोषक तत्वों की होती है जांच

प्रयोगशाला प्रभारी महेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि मृदा में पाए जाने वाले 12 पोषक तत्वों की जांच की जाती है जिनमें पीएच, विद्युत चालक तत्व, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सरफर, जिंक, बोरान, आयरन, मैंगनीज, कॉपर तत्व शामिल हैं। मृदा परीक्षण के बाद कृषकों को सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान किया जाता है जिसमें किसानों की भूमि में जिन पोषक तत्वों की कमी होती है उनकी जानकारी दर्ज कर उपचार की जानकारी दी जाती है।
वर्तमान समय में विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालित किया जा रहा है। जिसमें व्यस्तता के कारण मृदा परीक्षण के कार्य में थोड़ी कमी हुई है। जल्द ही लक्ष्य पूरा कर लेंगे। नर्मदा तट से लगी हुई भूमि जिले में कृषि कार्य के लिए सबसे उपयुक्त है।
महेंद्र सिंह राजपूत, प्रयोगशाला प्रभारी, मृदा परीक्षण केंद्र अनूपपुर

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