उसके पास आधार कार्ड नहीं होने से उसके दोस्त दीपक सिंह पुत्र कुंवर सिंह निवासी रुद्रप्रयाग उत्तराखंड ने अपनी आईडी से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। बाद में मृतक के परिजनों और उसके दोस्त ने अस्पताल प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर रिकॉर्ड में मृतक का नाम व डिटेल सही कराए।
संशोधन के बाद पोस्टमार्टम
शुक्रवार को मृतक युवक के भाई तेजबहादुर ने अलवर पहुंचकर अस्पताल प्रशासन को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मृतक का नाम परिवर्तन करने का आग्रह किया। मृतक के साथी कर्मचारी दीपक ने भी प्रार्थना प्रत्र प्रस्तुत किया है। इसके बाद शुक्रवार को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा गया। परिजनों ने बताया कि मृतक की पत्नी नेपाल रहती है। मेडिकल ज्यूरिस्ट सिद्धार्थ विजयवर्गीय ने बताया कि मौत प्रथम दृष्टया खून में संक्रमण के कारण हुई है। यह है पूरा मामला
स्कीम नंबर 2 स्थित एक रेस्टोरेंट में नेपाली युवक घनश्याम विश्वकर्मा काम करता था। जो कुछ समय पर काम छोड़कर अपने गांव चला गया था। जो 20 मई की रात को वह फिर से रेस्टोरेंट पर काम के लिए आ गया और रात को वहीं रुक गया।
अगले दिन 21 मई को उसकी तबीयत खराब होने पर रेस्टोरेंट में उसके साथी कर्मचारी दीपक ने अपने आधार कार्ड से पर्ची बनवाकर उसे दवा दिला दी। बाद में तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे दीपक ने अपने आधार कार्ड से ही अस्पताल में भर्ती करा दिया। इस बीच इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों को सूचना देने के लिए आधार कार्ड पर अंकित मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो पता चला जिसका आधार कार्ड लगा है, वह युवक अभी जिंदा है।