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अनूठी पहल: स्वागत में फूलमालाएं नहीं… किताबें मांगते हैं ये मंत्रीजी, जानें यह है कारण 

Innovative Minister: अब स्वागत में माला नहीं, पुस्तक दो – मंत्री की नई पहल, फूलों से नहीं किताबों से होगा स्वागत, स्कूलों को मिलेगा फायदा, ग्रामीण बच्चों के लिए किताबों का तोहफा, मंत्री ने खुद की शुरुआत।

अलवरMay 25, 2025 / 09:37 pm

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समारोह में फूलमालाओं की जगह पुस्तकें लेते मंत्री। फोटो-पत्रिका

समारोह में फूलमालाओं की जगह पुस्तकें लेते मंत्री। फोटो-पत्रिका

Environmental Protection: जयपुर। अलवर सांसद और केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने राजनीति और जनसेवा के पारंपरिक तौर-तरीकों से हटकर एक नई मिसाल पेश की है। ‘सांसद संपर्क संवाद यात्रा’ के दौरान ग्रामीणों से संवाद करते हुए उन्होंने लोगों से फूलमालाओं की जगह पुस्तकें भेंट में देने का आग्रह किया। और खुद भी इस पर अमल करते हुए प्राप्त पुस्तकें सरकारी स्कूल की लाइब्रेरी को समर्पित कीं।
उन्होंने कहा, “फूल कुछ देर की शोभा होते हैं, लेकिन किताबें पीढ़ियों को रोशनी देती हैं।” उनका यह विचार न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि ग्रामीण बच्चों को ज्ञान की दुनिया से जोड़ने का भी सार्थक प्रयास है।

फूलमालाओं के स्थान पर पुस्तकें ली और स्कूल को भेंट की

यादव ने उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में नागरिकों के द्वारा किए जाने वाले अभिनन्दन व स्वागत में फूलमाला व साफे की जगह उपयोगी पुस्तकें स्वीकार करने की अभिनव पहल के तहत उन्होंने ग्रामीणों से पुस्तकें लेकर सरकारी स्कूल की लाइब्रेरी के लिए प्रधानाचार्य को भेंट की। उन्होंने कहा कि फूलमालाएं कुछ समय पश्चात अनुपयोगी हो जाती है। उसी राशि से उपयोगी पुस्तकें भेंट की जाए जिनका उपयोग लम्बे समय तक युवा कर सकेंगे। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मांगलिक आयोजनों के अवसर पर सरकारी स्कूल के पुस्तकालय के लिए पुस्तकें या उसके लिए राशि भेंट करें ताकि इनका लम्बे समय तक ज्ञान अर्जन के लिए इनका उपयोग हो सके।

हर गांव में 11 पौधे और एक नर्सरी का संकल्प

हर गांव में 11-11 पौधे भेंट किए गए और ग्रामीणों को प्रेरित किया गया कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना के तहत 111 और पौधे स्वयं लगाएं। मंत्री ने नरेगा के माध्यम से गांवों में नर्सरी विकसित करने का भी आह्वान किया।

पीएम सूर्यघर योजना का ज़मीनी लाभ

सोलर पैनल के लाभों को बताते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 78,000 रुपए तक की केंद्र सरकार की सब्सिडी और राज्य की ओर से 17,000 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। अतिरिक्त बिजली बेचने पर आमदनी भी होगी।

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इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर व इंडक्शन कूकर का वितरण

दिव्यांग नागरिकों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर और लाभार्थियों को इंडक्शन कूकर भेंट किए गए, जिससे ‘सशक्तिकरण और सुविधा’ दोनों का संदेश गया।

टीबी मुक्त गांव का सपना

ग्राम पंचायत कलसाडा को टीबी मुक्त घोषित किया गया और सभी ग्रामीणों से इस दिशा में सहयोग का संकल्प लिया गया।

खेलों में ऊंची उड़ान की तैयारी:

‘अलवर सांसद खेल उत्सव’ के तहत प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय कोचों से प्रशिक्षण देने की घोषणा की गई। 750 खिलाड़ियों को दो चरणों में ट्रेनिंग दी जाएगी।

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