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अलवर

संस्थाओं के सहयोग से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प, नए सत्र में अब नौनिहालों का इंतजार

यह बदलाव केवल सजावट तक सीमित नहीं , बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में भी उल्लेखनीय हुआ है सुधार

अलवरJun 18, 2025 / 05:15 pm

Ramkaran Katariya

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नौगांवा. सामाजिक संस्थाओं, संगठनों के सहयोग से अब सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। स्कूल भवनों की मरम्मत कर उन्हें रंग-रोगन कर शैक्षिक चित्रों से सजाया गया है, जिससे बच्चे दीवारों से भी सीख सकेंगे। जीर्ण-शीर्ण शौचालयों को अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। साथ ही पीने के पानी की सुविधा बेहतर की गई है और वर्षा जल संरक्षण के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक तथा रिचार्ज होद भी बनाए गए हैं। बच्चों को आरामदायक फर्नीचर प्रदान कर पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण विकसित किया गया है। अब नए संत्र में नौनिहालों के आने का इंतजार हैं।स्कूलों में इन परिवर्तनों में मोजेक फाउंडेशन और एसएम सहगल फाउंडेशन की महत्ती भूमिका रही है। इन संस्थाओं के सहयोग से कई स्कूलों का रिनोवेशन किया गया। सहगल फाउंडेशन की ओर से 10 विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। इससे बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाई का अवसर मिल रहा है। उनमें तकनीकी शिक्षा के प्रति रुचि और जागरुकता बढ़ी है। शहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों के बीच की डिजिटल खाई भी अब धीरे-धीरे पट रही है। समान अवसरों की ओर कदम बढ़ रहे हैं। सहगल फाउंडेशन के अधिकारी महादेव शर्मा का मानना है कि संस्था जब समाज और सरकार के साथ मिलकर कार्य करती हैं, तो उसका असर भी प्रभावी होता है। समग्र शिक्षा से जुड़े इंजीनियर राजेश लवानिया के अनुसार जिले में डिजिटल शिक्षा का माहौल बन रहा है। यह जरूरी भी है कि ग्रामीण बच्चों को तकनीकी शिक्षा के अवसर दिए जाएं, ताकि वे किसी भी स्तर पर पिछड़े नहीं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सांसद भूपेन्द्र यादव और कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने भी डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया है।इन विद्यालयों का बदला स्वरूप
राउमावि बिलन्दी, महात्मा गांधी विद्यालय महुआ कला, राउप्रावि सोतका, राउमावि छिलोड़ी, राउप्रावि चूडि़य़ाबास और राउप्रावि जाजोरबास आदि विद्यालयों में रिनोवेशन कार्य कर इन्हें सुंदर और सुविधाजनक बनाया गया हैं, वहीं राउप्रावि लिवारी, राउमावि उमरैण, राउप्रावि नंगला चारण, एमजीजीएस रामगढ़, राउमावि बगड़ राजपूत, राउमावि सेंथली, राउमावि इंदरगढ़, राउमावि हल्दीना और राउमावि ठेकड़ा जैसे विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित कर विद्यार्थियों को तकनीकी संसाधनों से जोड़ा गया हैं।

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