क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या दूर करने के लिए जेजेएम योजना में करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए, लेकिन राहत नहीं मिल रही। मीठे पानी के लिए लगाए गए 71 आरओ प्लांट भी सक्सेस नहीं हुए। ये चल रहे हैं तो कहीं बिजली, तकनीकी सहित अन्य कारणों से बंद हैं। एसएफसी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र के 121 गांवों में क्वालिटी या क्वाटिटी के अभाव में शुद्ध जल उपलब्ध नहीं है। इन गांवों में कोई स्कीम लागू नहीं हो सकती। ईसरदा डेम में प्रथम फेज का कार्य भी दौसा जिले तक ही सीमित है। इधर विधायक रमेश खींची क्षेत्र को ईसरदा डेम के प्रथम फेज में शामिल कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।इन पंचायतों को ईसरदा डेम परियोजना प्रथम फेज में जोड़ने की मांगखौखर, खेड़ा कल्याणपुर, रामपुरापाटन, रोनीजाथान, जहाडू, नांगल रूपा, जटवाड़ा, अडौली, खोह, नाहर खोहरा, बसेठ, नाटौज, कालवाड़ी, सालवाड़ी, सौखरी, मंगोलाकी, सौखर, खेरली रेल, कुट्टीन साबदास, समूची, दांतिया, बहरामपुर, डोरोली, नगरपालिका खेरली, गारू, दारोदा पंचायतों को ईसरदा डेम परियोजना के प्रथम फेज में ही जोड़ने की मांग की जा रही है।
चम्बल नहर परियोजना से जोड़ने की मांग तसई, मैथना, टीकरी, सौंख, रेटा, मसारी, मथुराहेडा, बेरका, ईसरोता, टिटपुरी, बडौदाकान, जाडला, नूरपुर, बहतुकला, टोडा, खैड़ामैदा, भनोखर, अरूवा, नगरपालिका कठूमर, जावली, खुडियाना, मौलिया, इटेडा, बड़का को चंबल नहर परियोजना से जोड़ने की मांग की जा रही है।फैक्ट फाइलचम्बल सतही पेयजल परियोजना
विधानसभा का लक्ष्य वर्ष जनसंख्या पानी की आवश्यकता 2025 195591 13.61एमएलडी2039 203798। 1606 एम एलडी 2054 258181 17.97 एमएलडी मांग ईसरदा बांध सतही पेयजल परियोजनाजनसंख्या 2025 185942 12.94जनसंख्या 2039 219411 15.27जनसंख्या 2054 245443 17.08क्षेत्र को मीठा पानी उपलब्ध कराना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। कठूमर क्षेत्र को प्रथम फेज में शामिल कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से भी बात की जा रही है।रमेश खींची विधायक कठूमर।ईसरदा डेम से प्रथम फेज में पानी मिले तो ढांचागत इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए तैयार है। महवा की सीमा के करीब उदयपुरा गांव व नगर के पास मैथना में पानी स्टोर के लिए जमीन उपलब्ध हैं। क्षेत्रीय विधायक इस मामले में गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं।महेन्द्र सिंह मीणा अधिशासी अभियंता पीएचईडी कठूमर।