इन दावों की हकीकत पता करने के लिए राजस्थान पत्रिका की अलग-अलग टीमों ने तीनों जिलों में अवैध शराब की भट्टियों पर जाकर वहां की हकीकत जानी। इस दौरान सामने आया कि अलवर, खैरथल-तिजारा और बहरोड़-कोटपूतली जिले में कई ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब बनाने का धंधा बेखौफ चल रहा है। कच्ची शराब के इस खेल से लोगों का जीवन और घर-परिवार बर्बाद हो रहा है।
पढ़िए यह ग्राउंड रिपोर्ट
गोविन्दगढ़ क्षेत्र के जहानपुर, नसवारी, खरसनकी, बरबाड़ा व खेड़ी गांव में प्रतिदिन हजारों लीटर अवैध हथकढ़ शराब बनाई जाती है। कच्ची शराब की शिकार युवा पीढ़ी हो रही है। अवैध हथकढ़ शराब बनाने वाले कच्चे रास्तों के सहारे हथकढ़ शराब सप्लाई करते हैं। कच्ची शराब को गोविंदगढ़ के अलावा बड़ौदामेव, सीकरी, खेरली, कठूमर, बहतूकला, रामगढ़, नौगांवा क्षेत्र में सप्लाई किया जाता है। फुटाकी गांव में तो नकली अंग्रेजी शराब बनती है। जिसमें कई प्रकार के हानिकारक केमिकल उपयोग में लिए जा रहे हैं। यह शराब कई ठेकों पर सप्लाई की जाती है।
नाम न छापने की शर्त पर कारोबार से जुड़े एक युवक ने बताया कि कई नामी ब्रांड की अंग्रेजी शराब की सील लगाकर सप्लाई की जाती है। कबाडिय़ों के यहां ब्रांडेड शराब कपनियों की खाली बोतलें मिल जाती हैं, जिनमें नकली लोकल शराब भरकर सप्लाई की जाती है।
बानसूर में कुओं में भरकर रखी जाती है शराब
क्षेत्र के बास दयाल थाना क्षेत्र के गांव कुंडली के आसपास बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बनाई जाती है। वहीं, हरसौरा थाना क्षेत्र के नांगल लाखा एवं बबेड़ी क्षेत्र में भी कच्ची शराब बनाई जाती है। कुण्डली क्षेत्र में तो कच्ची शराब बनाए गए कुओं में भरकर रखी जाती है। आबकारी विभाग कभी-कभार छापामारी करता है। शराब माफिया को आबकारी विभाग की छापामारी की सूचना पहले ही पता चल जाती है और कच्ची शराब बनाने वाले लोग फरार हो जाते हैं। आबकारी विभाग को कच्ची शराब के सिर्फ उपकरण बरामद होते हैं।
यहां खुलेआम बनती है कथकढ़ शराब
कठूमर, खेरली और राजगढ़ क्षेत्र में कथकढ़ शराब बनती है और खुलेआम बिकती है। पुलिस से साठगांठ के चलते शराब माफिया पर कार्रवाई नहीं होती। कभी-कभार आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई करने जाती है, तो इसकी सूचना शराब माफिया को पहले ही मिल जाती है। यहां भी बेखौफ हैं शराब माफिया
खैरथल: क्षेत्र के जगता बसई, बालन बसई, मीरका रामनगर में अवैध रूप से कच्ची शराब बनाई जाती है। कार्रवाई के दौरान आबकारी व पुलिस का वाहन देखकर अवैध शराब बनाने वाले लोग मौके से फरार हो जाते हैं।
बहरोड़: क्षेत्र के कई गांवों में शराब की भट्टियां हैं। यही हाल नीमराणा का है। भिवाड़ी के कुछ गांवों में अवैध रूप से कथकढ़ शराब बनाकर बेचना कई परिवारों का पुश्तैनी धंधा है।