अलवर में पंचायती राज विभाग के अधीन आने वाले बांधों की संख्या 103 है। इनको मिलाकर जल संसाधन विभाग के पास अब 125 बांध हो जाएंगे। इन सभी बांधों की मरम्मत जल संसाधन विभाग को मानसून की दस्तक से पहले करानी होगी। पंचायती राज विभाग ने बांधों और तालाबों के दस्तावेज जल संसाधन विभाग को सौंपना शुरू कर दिया है। बुधवार शाम तक 93 बांधों के दस्तावेज सौंपे जा चुके थे। यह काम गुरुवार तक पूरा हो जाएगा।
वहीं जल संसाधन विभाग के पास अब तक अलवर जिले में 300 हेक्टेयर से अधिक क्षमता वाले 22 बांध थे। अब इनकी संख्या में इजाफा हो जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जेईएन और एईएन पंचायती राज के बांधों का जायजा ले रहे हैं। जिन-जिन बांधों में मरम्मत की आवश्यकता है, उनका प्लान तैयार किया जा रहा है। अब तक सहारन खुर्द और निबाहेड़ा बांध की मरम्मत की जा चुकी है।
अलवर के सबसे बड़े जयसमंद बाध में नहीं है पानी।
अलवर जिले की औसत बारिश 555 एमएम है। बीते सीजन में यहां 1100 एमएम से ज्यादा बारिश दर्ज हुई थी। तब यहां 22 बांधों में से 10 बांधों में पानी आया था। मई महीने तक केवल चार बांध सिलीसेढ़, जय सागर, मंगलसर और मानसरोवर में पानी शेष है। इसके अलावा शेष 18 बांध रीते हैं, जिनमें पानी नहीं है।