वर्तमान में होने वाले भवनों के निर्माण की क्वालिटी जांचने के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करवाया था, इसमें विश्वविद्यालय के एक भी सदस्य को शामिल नहीं किया है। इंस्पेक्शन के लिए अधिकारी कब विश्वविद्यालय आए और क्या कमी निकाली, इस बारे में विश्वविद्यालय को कोई सूचना नहीं दी। केवल बताया गया है कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन किया जा चुका है।
यह है विवाद
विश्वविद्यालय के पहल चरण में बने भवनों का काम भी आरएसआरडीसी ने किया है। इन भवनों के बेसमेंट में लगातार पानी भर रहा है। बेसमेंट में बिजली उपकरणों और मुय गेट लगाने को लेकर आरएसआरडीसी और विश्वविद्यालय के बीच विवाद चल रहा है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में होने वाले निर्माण कार्य भी एमओयू के अनुसार नहीं हो रहे हैं। पहले बने भवनों में भी खामियां छोड़ी गई। पहले बने भवनों में डबल मंजिल का निर्माण होना था, जिसे बेसमेंट में तब्दील करके बना दिया गया। वहीं, पिछले दो साल से इन भवनों में कक्षाओं का संचालन हो रहा है। मत्स्य विश्वविद्यालय में होने वाले निर्माण कार्य आरएसआरडीसी करवा रही है। पुराने कामों को ठीक करने के लिए आरएसआरडीसी को कहा गया था, लेकिन इनको सही नहीं किया गया है। अभी पैसा अटका हुआ है। – गोपाल कालरा, वित्त नियंत्रक, मत्स्य विश्वविद्यालय