scriptAlwar: कांवड़ लेकर आ रहे पति के स्वागत के लिए खड़ी थी पत्नी, थोड़ी देर में आई मौत की खबर, 4 महीने पहले ही हुई थी शादी | Husband Died After 4 Month Of Marriage In Alwar Kanwar Yatra Electrocution Tragedy 2 Dead 32 Injured | Patrika News
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Alwar: कांवड़ लेकर आ रहे पति के स्वागत के लिए खड़ी थी पत्नी, थोड़ी देर में आई मौत की खबर, 4 महीने पहले ही हुई थी शादी

2 Kanwar Yatra Devotees Died: इस हादसे में दो कांवड़ियों सुरेश चंद्र प्रजापत (35) व गोपाल प्रजापत (22) की मौत हो गई और 32 कांवड़िए झुलस गए। इनमें से 6 को अलवर रेफर किया गया है। जहां सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

अलवरJul 24, 2025 / 08:52 am

Akshita Deora

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मृतक गोपाल (फोटो:पत्रिका)

Alwar Electrocution Death Tragedy: खुशी का माहौल कैसे पलभर में मातम में बदल जाता है, इसकी बानगी बुधवार को लक्ष्मगणगढ़ के बिचगांवा गांव में नजर आई। डीजे पर बजते भोलेनाथ के गीतों पर हरिद्वार से लौटे कांवडिए और ग्रामीण नाच-गा रहे थे। अचानक लोहे के रथ पर सवार कांवड़िए एक-एक कर जमीन पर गिरने लगे। पूरे रथ में 11 हजार केवी हाईटेंशन लाइन से करंट दौड़ने लगा। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। बम-बम भोले के जयकारे अचानक बचाओ-बचाओ की चीख-पुकार में दब गए।

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इस हादसे में दो कांवड़ियों सुरेश चंद्र प्रजापत (35) व गोपाल प्रजापत (22) की मौत हो गई और 32 कांवड़िए झुलस गए। इनमें से 6 को अलवर रेफर किया गया है। जहां सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। घायलों में 21 महिलाएं, 8 पुरुष व 3 बच्चे शामिल हैं। इस हादसे के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया। गांव की सभी दुकानें बंद रहीं। इधर, इस मामले में लक्ष्मणगढ़ के जेईएन दिनेश सिंह जाट तथा तकनीकी सहायक सोनू को निलंबित कर दिया गया है।

शादी के बाद की पहली कांवड़ बनी आखिरी

Kanwar Yatra Devotees
मृतक सुरेश (फोटो:पत्रिका)

मृतक गोपाल आईटीआई कर रहा था। उसकी इसी साल एक मार्च को शादी हुई थी। वह पहली बार कांवड़ लेकर आया था। गोपाल की पत्नी भी उसका स्वागत करने ससुराल से बीचगांव पहुंची थी। गोपाल का पिता लालाराम प्रजापत मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता है। गोपाल के दो छोटे भाई हैं, जो स्कूल में पढ़ते हैं। इसी तरह मृतक सुरेश पुत्र कजोड़ीराम मिट्टी के बर्तन बना कर बेचता था। सुरेश का एक भाई नन्नू प्रजापत जोबनेर के विद्यालय में मिड-डे मील बनाने का काम करता है। दूसरा भाई महेन्द्र मेहनत मजदूरी करता है। सुरेश के दो पुत्र व एक पुत्री है। सुरेश भी पहली बार कांवड़ लेकर आया था।

रास्ता जाम करने वाले ग्रामीणों की ये थीं मांगें

हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने बिचगांवा के बस स्टैंड पर 4 घंटे तक रास्ता जाम किया। वे 50 लाख रुपए मुआवजा देने, घटना के लिए जिम्मेदार बिजली निगम के अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई करने, मृतकों के आश्रितों को संविदा पर नौकरी देने और बिजली लाइनों को भूमिगत करने की मांगों पर अड़ गए।

10-10 लाख रुपए मुआवजे पर सहमति

ग्रामीणों और प्रशासन के बीच 10-10 लाख रुपए मुआवजे की सहमति के बाद धरना-प्रदर्शन खत्म हो गया। जिला कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने बताया कि दोनों मृतकों को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (मां योजना) के तहत 5 लाख रुपए व जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। घायलों को मां योजना के तहत नियमानुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। घटना के लिए प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने पर कनिष्ठ अभियंता दिनेश सिंह जाट व तकनीकी सहायक तृतीय सोनू को निलम्बित किया गया है।
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बस स्टैंड पर जाम लगाकर बैठे ग्रामीण (फोटो:पत्रिका)

जानिए कैसे और क्यों हुआ हादसा

बिचगांवा में बुधवार सुबह हरिद्वार से कांवड़ लेकर 24 कांवड़ियों का जत्था लौटा। इनके स्वागत में पूरा गांव उमड़ा। कांवड़िए रथ पर सवार थे। सभी बस स्टैंड से गांव के मिश्री वाले मंदिर के शिवालय में कांवड़ चढ़ाने जा रहे थे। कांवड़ियों की पिकअप व अन्य वाहन सीनियर सैकंडरी स्कूल व हनुमान मंदिर के सामने पहुंचे तो पिकअप के ऊपर लगा लोहे का पोल बिजली लाइन के तारों को छू गया। जिससे पिकअप व कांवड़ रथ में करंट दौड़ गया। रथ को हाथों से खींच रहे कांवड़िए व पैदल चल रहे ग्रामीण करंट की चपेट में आ गए।
घायलों को गढ़ी सवाईराम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से 6 घायलों को अलवर रेफर कर दिया गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. केसी मीणा ने बताया कि मरीजों को बिजली के करंट से गंभीर जलन और आघात पहुंचा है।
वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने घायल मरीजों की कुशलक्षेम पूछी और चिकित्सा टीम को समुचित और प्रभावी उपचार प्रदान करने के निर्देश दिए। विधायक मांगे लाल मीणा भी गढ़ी सवाईराम अस्पताल पहुंचे। रैणी एसडीएम हरकेश मीणा व तहसीलदार कैलाश मेहरा ने भी घायलों का हाल जाना। उधर, दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी हादसे पर शोक जताया है।

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