ये अधिकारी पहुंचे वार्ता मेंधरना दे रहे ग्रामीणों की महासभा के दौरान प्रशासन की ओर से वार्ता के दौरान अलवर उपखंड अधिकारी यथार्थ शेखर, अलवर तहसीलदार रश्मि शर्मा और अकबरपुर थानेदार प्रेमलता मौजूद रहे। धरना स्थल पर आंदोलनकारी ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को कई मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस पर उमरैण पंचायत समिति मुख्यालय पर संघर्ष समिति व किसानों के प्रतिनिधि मंडल और प्रशासन के बीच वार्ता हुई, लेकिन यह असफल रही। वार्ता असफल होने के बाद ग्रामीणों का धरना जारी रहा। ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। भारतीय किसान यूनियन के भूपत सिंह बालियान का कहना था कि झील की नहर से अलवर शहर में पानी ले जा सकते हैं, पर बोरिंग नहीं लगने देंगे। या फिर टैंकरों से पानी की व्यवस्था करें। प्रेम पटेल, निहाल गुर्जर, भविंद्र पटेल ने बताया कि उपखंड अधिकारी के कहने पर हम पंचायत समिति उमरैण मुख्यालय पर वार्ता करने गए। जिसका निर्णय यह रहा कि उपखंड अधिकारी ने बताया कि यह मुख्यमंत्री की बजट घोषणा है। उच्च अधिकारी व कलक्टर से बात की जाएगी। हम कुछ नहीं कर सकते। इस दौरान दल का एक ही जवाब था कि कोई सक्षम अधिकारी या नेता या कोई मंत्री हमें बात कर बताएं, तब तक आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलता रहेगा। हमारी कमेटी आंदोलन को लेकर आगे रूपरेखा तैयार करेगी। झील बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रेम पटेल ने बताया कि धरना जारी रहेगा। आगे प्रशासन ने हमसे वार्ता नहीं की तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
पानी की समस्या पुरानीअलवर शहर में पानी की समस्या काफी वर्षों से है। जिसे लेकर राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत यहां सिलीसेढ़ झील में 35 बोरिंग प्रस्तावित हैं, लेकिन सिलीसेढ़ क्षेत्र के आसपास के 40 गांवों के लोग बोरिंग से सिलीसेढ़ क्षेत्र से पानी नहीं ले जाने देने की मांग पर अड़े हुए हैं। जहां बोरिंगों से पानी ले जाने के विरोध में धरना-प्रदर्शन जारी है। मौके पर प्रेम पटेल, निहाल, महेश सैनी, भूपत सिंह बालियान, भविंद्र पटेल, श्योराज, रामसिंह गुर्जर, उमरदीन, अंसब, जाकिर खान, पेमाराम, सुरेंद्र भारती, पदम नाथ सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।