– अब चल रही है हैंडओवर की तैयारी, सामान्य प्रशासन विभाग को मिलेगा इसका कब्जा Alwar : सरकार को खुश करने के लिए बिना हैंडओवर के मिनी सचिवालय शुरू कर दिया गया। करीब 30 विभाग भी शिफ्ट कर दिए गए। करीब दो साल में यदि कोई हादसा होता, तो इसका जिम्मेदार कौन होता? इस बीच मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की दो बार धमकियां भी मेल के जरिए मिली थीं। बताते हैं कि उसी के बाद से मिनी सचिवालय को हैंडओवर करने की अफसरों को याद आई। अब इसकी तैयारियां चल रही हैं। हालांकि इससे पहले रूडसिको को मानक पूरे करने होंगे।
पूर्ववर्ती सरकार लेना चाहती थी श्रेय मिनी सचिवालय का निर्माण करीब 8 साल में पूरा हुआ था। इस पर 127 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। करीब 250 रूम बनाए गए। तीन मंजिला भवन के हर तल पर 6 शौचालय व पानी की टंकी बनाई गई थी। अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था की गई। इसके अलावा कई अन्य सुविधाएं भी शामिल की गई थी। वर्ष 2023 में कई कार्य करने बाकी थे, लेकिन सरकार मिनी सचिवालय का श्रेय लेना चाहती थी। ऐसे में आनन-फानन में मिनी सचिवालय का लोकार्पण कर दिया गया।
भवन लोकार्पण का एक दिन पहले आया संदेश, प्रशासन के फूल गए थे हाथ-पांव हुआ यूं कि पुराने कलक्ट्रेट के कुछ विभाग मिनी सचिवालय में पहले शिफ्ट किए गए। उसके कुछ दिन बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत को टपूकड़ा जाना था। साथ ही सरस डेयरी के पीछे जनसभा करनी थी। 13 मई 2023 का दिन फिक्स हुआ। जनसभा से एक दिन पहले प्रशासन के पास खबर आई कि मिनी सचिवालय का लोकार्पण भी किया जाएगा। उस दौरान जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी थी। आनन-फानन में 150 सफाई कर्मचारी लगाकर रातोंरात सफाई कराई गई। कई अन्य कार्य करवाए और 13 मई की दोपहर बाद पूर्व सीएम गहलोत ने इसका फीता काटा। साथ ही जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी को कुर्सी पर बैठाया। हालांकि उसके दो दिन बाद कलक्टर का तबादला हो गया था।
अब इन मानकों की होगी जांच कार्यदायी संस्था रूडसिको की ओर से अब सुरक्षा के बिंदुओं की लिस्ट तैयार की जाएगी। उसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग पीडब्ल्यूडी के जरिए इनकी जांच कराएगा। रूम की संख्या से लेकर शौचालयों की िस्थत, पार्किंग, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, फायर सिस्टम आदि का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा। सभी मानकों पर भवन खरा उतरने के बाद हैंडओवर किया जाएगा। इसको लेकर एक बैठक हुई है।
इसलिए हैंडओवर की जल्दी जानकारों का कहना है कि मिनी सचिवालय को हाल ही में आरडीएक्स लगाकर बम से उड़ाने की धमकी मेल के जरिए मिली थी। इस दौरान प्रशासन को कई मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ा। भवन हैंडओवर के कागज आदि भी देखे गए, जो अधूरे थे। उसके बाद से रूडसिको पर भी दबाव आया और प्रशासन भी अपने माध्यम से मानकों की जांच कराकर भवन हैंडओवर चाहता है।
50 से ज्यादा अधिकारी व एक हजार कर्मचारी यहां हर दिन बैठते मिनी सचिवालय में 50 से ज्यादा अधिकारी व एक हजार से अधिक कर्मचारी यहां हर दिन काम करते हैं। इसके अलावा एक हजार से ज्यादा फरियादी आते हैं। ऐसे में भवन के सुरक्षा मानकों की जांच किए बैठना खतरे से खाली नहीं था। हैरत तो ये है कि दो साल में भी भवन हैंडओवर नहीं किया गया। रूडसिको के एक्सईएन पृथ्वी सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया।
यह एक लापरवाही, जो पड़ सकती थी भारी नगर निगम से रिटायर्ड इंजीनियर विवेक सिंह का कहना है कि सरकार को खुश करने के लिए अफसरों को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए थे। मिनी सचिवालय का काम अधूरा था या फिर सुरक्षा मानकों की जांच नहीं हुई थी तो इसके लिए मना करना था। लोकार्पण की जल्दी नहीं होनी चाहिए थी। कोई भी अनहोनी होती तो उसका जिम्मेदार कौन होता? सरकारों के श्रेय लेने की होड़ बंद होनी चाहिए। दो साल में विभाग शिफ्ट कर दिए और हैंडओवर भवन नहीं हुआ, यह अपने में चौंकाता है। जल्द से जल्द सुरक्षा मानकों की जांच करके भवन हैंडओवर होना चाहिए।
मिनी सचिवालय के भवन हैंडओवर को लेकर रूडसिको से कहा गया है। जल्द ही सामान्य प्रशासन विभाग को भवन हैंडओवर हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी फिजिकल वेरिफिकेशन करेगी। – बीना महावर, एडीएम सिटी