अगले दिन होश में आने पर पीड़िता ने घटना के बारे में पति को बताया। इसके बाद एमआईए थाने में मामला दर्ज कराया गया। जिसे लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर जमकर हमला बोला है।
अभी आधे से अधिक कार्यकाल बाकी- गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि ‘कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान का हेल्थ मॉडल देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना था परन्तु भाजपा सरकार ने इसे बर्बाद कर दिया है। अलवर में अस्पताल के आईसीयू में महिला रोगी से रेप की घटना तथा पाली के सरकारी अस्पताल में कांग्रेस की दलित नेता के साथ डॉक्टर द्वारा बदसलूकी एवं मारपीट की घटनाएं इसका उदाहरण हैं। प्रदेश की जनता अफसोस कर रही है कि ऐसी अकर्मण्य सरकार का अभी आधे से अधिक कार्यकाल बाकी है। इस समय में प्रदेश की कितनी दुर्गति होगी।
डोटासरा ने सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर लिखा कि अलवर में मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती महिला के साथ नर्सिंग स्टाफ द्वारा की गई दरिंदगी से पूरा राजस्थान शर्मसार है। हैवानियत की सारी हदें पार करने वाली यह घटना मानवता पर कलंक है। मुख्यमंत्री गहरी नींद से जागिए और देखिए प्रदेश में हर दिन छोटी-छोटी मासूम बच्चियों से बलात्कार हो रहे हैं, नारी की अस्मिता तार-तार हो रही। आपके कुशासन में 2023 से अब तक नाबालिगों के साथ दरिंदगी के मामले 18% से अधिक बढ़ चुके हैं। शर्म की बात मंत्री से मुख्यमंत्री तक सब सत्ता के मद में हैं। महिला सुरक्षा, संवेदनशीलता और सुशासन नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। हालात बद से बद्तर हो रहे हैं लेकिन देखने और सुनने वाला कोई नहीं है।
और यह पहला मौका नहीं है, आपके कुशासन में दूसरी बार अलवर के अस्पताल में महिला से दरिंदगी हुई है। फरवरी 2024 में भी अस्पताल में ऐसे हीं हैवानियत की हदें पार हुई थी, लेकिन तब भी आप सोते रहे। बताइए मुख्यमंत्री जी.. इन बेटियों को कैसे न्याय मिलेगा और कब तक सहेगा राजस्थान?
अलवर में मानवता शर्मसार- जूली
उधर, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि अलवर के ESIC मेडिकल कॉलेज की ICU में भर्ती एक पीड़ित महिला के साथ नर्सिंग स्टाफ द्वारा बलात्कार जैसी घिनौनी घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। यह प्रदेश की शासन व्यवस्था की विफलता है, जहां पीड़िता सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह पर भी असुरक्षित है। अस्पताल के ICU में एक महिला के साथ ऐसा अमानवीय कृत्य होना, यह एक महिला पर नहीं, बल्कि समूचे समाज की आत्मा पर हमला है।
यह प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है, जहां अलवर के सांसद केंद्र में मंत्री हैं और विधायक राज्य सरकार में मंत्री, वहां की जनता न्याय और सुरक्षा की उम्मीद आखिर लगाये तो किससे ?
पूरा मामला…
पीड़िता के पति ने बताया कि उसकी पत्नी को 2 मई को सुबह 11 बजे ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 4 जून को ऑपरेशन के बाद उसे अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। इस दौरान वार्ड में तैनात मेल नर्स और गार्ड ने रात 11 बजे उसे वेटिंग रूम में भेज दिया। 5 जून की रात को पूरी तरह से होश में आने पर उसकी पत्नी ने उसे बताया कि वार्ड के मेल नर्स ने पर्दे लगाकर उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने बताया कि घटना के दौरान वह अर्द्धबेहोशी की हालत में थी। इसके बाद घटना वाली रात ड्यूटी पर तैनात मेल नर्स ने डॉ. दीपिका और तीन अन्य लोगों के सामने बलात्कार की घटना कबूल कर ली। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. असीमदास ने कहा कि कॉलेज प्रशासन की ओर से भी जांच कमेटी गठित की गई है, जो कर्मचारियों से पूछताछ कर ही है। साथ ही आईसीसी को भी सूचना दी गई है।