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Eid Ul-Adha 2025: राजस्थान के पशुपालक मोनू का बकरा ‘मोती’ बना चर्चा का विषय, खाने को मिल रहे काजू-बादाम

ईद-उल-अजहा (Bakrid 2025) का त्योहार भारत में 7 जून को मनाया जाएगा। बकरीद से पहले राजस्थान में बकरा ‘मोती’ बना चर्चा का विषय बना हुआ है।

अजमेरMay 31, 2025 / 04:40 pm

Santosh Trivedi

bakra eid 2025

Photo- Patrika

अजमेर/रुपनगढ़ । ईद-उल-अजहा ( Bakrid 2025 ) का त्योहार भारत में 7 जून को मनाया जाएगा। बकरीद से पहले रुपनगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के काठोदा ग्राम के पशुपालक मोनू बागवान का बकरा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका कारण इस पर कुदरत द्वारा की गई नायाब कारीगिरी है।
काठोदा के पशुपालक मोनू बागवान ने बताया कि वे पशुपालक के रूप में गाय-भैंस तथा बकरी पालन करते है। उनकी बकरी ने 15 माह पूर्व दो बकरों को जन्म दिया था। इनका नाम हीरा और मोती रखा गया। इनमें से मोती के ऊपर कुदरत ने मेहर बरसाई है। इसके पैदा होते ही हमारे परिवार का सौभाग्य जाग गया। बच्चों को भी इससे विशेष लगाव रहा है।
कुदरत के द्वारा इसके सिर पर चांद तथा चेहरे पर सितारे की निशानी दी गई है। इसके कारण यह बकरा मोती परिवार के समस्त सदस्यों को अजीज लगने लगा। उन्होंने बताया कि मोती के सिर पर चांद और चेहरे पर सितारे की तस्दीक करने के लिए स्थानीय स्तर पर संपर्क किया गया। रूपनगढ़ मौलाना आबिद हुसैन चिश्ती सुलेमानी ने इसके चांद और सितारे की तस्दीक की। उनकी तहरीर के अनुसार इसके सर पर चांद और चेहरे पर सितारे की निशानी सौभाग्यशाली है।
उन्होंने बताया कि इस बकरे मोती के आने से हमारे परिवार का भाग्य ही बदल गया। प्रारम्भ में हमारे को इसका कारण समझ में नही आया। खेतों में होने वाली उपज में वृद्धि हुई। उसके भाव भी ठीक मिलने लगे। इससे परिवार की आमदनी में वृद्धि हुई।
साथ ही जमीन सम्बन्धी कार्य भी हमारे पक्ष में हो गया। इसके आते ही परिवार के लिए वाहन योग बना। ट्रेक्टर खरीद लिया। इसके साथ-साथ लावणी मशीन खरीदी। इनके ऊपर की गई मेहनत से जल्दी ही नया घर बनवा लिया। इस मोती के आने से भाग्य पूरी तरह से बदल गया।
उन्होंने बताया कि बकरे मोती की परवरिश पर आरम्भ से ही विशेष ध्यान दिया गया। इसको खिलाने के लिए भी विशेष खाद्य सामग्री दी गई। वर्तमान में इसके खाने के लिए मल्टीपल खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाए जा रहे है। अभी काजू बादाम के अतिरिक्त चना दाल, मक्का, गेहुं, मूंगफली, जौ तथा मेथी दाना खिलाया जा रहा है। साथ ही पशु आहार मिक्सचर भी दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बकरे मोती के जन्म होते ही इसकी सुरक्षा की सदैव चिन्ता बनी रहती थी। इसलिए शुरुआती समय में इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई। बकरे के सिर पर चांद तथा चेहरे पर सितारा की बात सार्वजनिक होते ही सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जा रहा है। दो-दो व्यक्तियों को हमेशा सुरक्षा के लिए रखा जा रहा है।
दिन और रात के लिए अलग-अलग व्यक्तियों को नियुक्त कर रखा है। इसको हमेशा अपने पास रखना पड़ रहा है। मोनू के साथ-साथ इनके बड़े भाई पुरण का परिवार भी हमेशा इसकी रखवाली में लगे रहते है।
उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही रिश्तेदारों के द्वारा नियमित रूप से सम्पर्क किया जा रहा है। खरीददारों के द्वारा बड़ी राशि के प्रस्ताव दिए जा रहे है। इन प्रस्तावों के सम्बन्ध में परिचितों के साथ चर्चा की गई। चर्चा के उपरान्त मोती को 51 लाख रूपये तक बेचने का मानस है।

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