अपलोडिंग का कार्य प्रगति पर प्रायोगिक तौर पर सड़कों व सानिवि द्वारा निर्मित भवनों का जीपीएस, फोटो, क्षेत्र आदि डाटा अपलोडिंग का कार्य चल रहा है। म़ुख्यालय स्तर पर इसका परीक्षण किया जा रहा है।
आमजन कर सकेंगे शिकायत डवलप किए जा रहे एप के दूसरे चरण का काम पूर्ण होने के बाद यह आमजन के लिए भी मुहैया होगा। आमजन कहीं भी सड़क की शिकायत कर सकेंगे। शिकायत संबंधित अभियंता के जरिए ठेकेदार तक पहुंचेगी जो सड़क रिपेयर के बाद एप पर ही पालना रिपोर्ट देगा।
अभी यह समस्याएं अभी क्षतिग्रस्त सड़कों के नियंत्रक विभाग की जानकारी आमजन को नहीं हो पाती। ना ही सड़क निर्माण व गारंटी अवधि एवं देखरेख की जिम्मेदार एजेंसी के बारे में पता चल पाता है। ऐसे में जिला प्रशासन या संबंधित विभाग को सूचना दे दी जाती है। इसके बाद शिकायत पर हुई कार्रवाई के बारे में पता नहीं चलता। एप के जरिये शिकायत मिलने पर सड़क मरम्मत की प्रक्रिया तत्काल ही शुरू की जा सकेगी।
कई एजेंसी बना रहीं सड़कें आमतौर पर मुख्य सड़क निर्माण का दायित्व सार्वजनिक निर्माण विभाग का होता है जबकि शहर की अंदरुनी सड़कें नगर निगम या स्थानीय निकाय बनाते हैं। आमतौर पर प्रतिवर्ष सड़कों के रखरखाव व पैचवर्क का कार्य बारिश से पहले व बाद में होता है। जून से सितम्बर तक चार माह मानसून अवधि में कार्य नहीं होता। कई बार सालों सड़कों की मरम्मत नहीं की जाती। ‘एप’ के बाद इस व्यवस्था में बेहतर बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
इनका कहना है एप तैयार किया जा रहा है। इसमें डाटा फीडिंग जारी है। विभागीय सतर पर इसका उपयोग शुरू कर दिया है। आगामी कुछ माह में ‘पीडल्ब्यूडी सेवा’ एप आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
गिरिराज गुप्ता, अधीक्षण अभियंतासानिवि-अजमेर