वाडज थाने में दर्ज प्राथमिकी के तहत यह घटना 27 जून तड़के पांच बजे के करीब हुई। नारणपुरा गांव में सींग-चने की दुकान चलाने वाले दुर्गाराम मेघवाल पर उसी के बड़े बेटे दिलीप ने एक के बाद एक कई वार कर दिए। बचाने आई बहन लता और तरुणा से भी झगड़ा किया। लता के बाल खींचकर उसे पीटा, जबकि तरुणा पर चाकू से हमला कर दिया। हमले की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस चाकू से दिलीप ने तरुणा की आंख के ऊपर हमला किया, वह चाकू टूटकर फंस गया। उसका एक हिस्सा नीचे गिर गया।
दुर्गाराम की बचाओ-बचाओ की आवाज सुन दौड़ी उसकी पत्नी जोसना और छोटे बेटे निखिल ने कमरे में जाकर देखा तो दुर्गाराम लहूलुहान हालत में थे। तरुणा भी जख्मी थी। दिलीप वहां खड़ा था। लता भी थी। बुलाने पर पहुंची 108 एंबुलेंस की टीम ने दुर्गाराम को मृत घोषित कर दिया। तरुणा को सोला सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां फंसा चाकू का हिस्सा निकाला। दिलीप को कमरे से अलग गैलरी में खड़ा कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
पैसे न देने पर की हत्या, रात को बगल में सोया
एफआईआर के तहत निखिल ने घायल पिता दुर्गाराम से पूछा तो उन्होंने बताया कि पास में सो रहे दिलीप ने अचानक से उन पर सोते समय हमला कर दिया। वो अक्सर पैसों की मांग करता था, जिससे एक बार उसकी पिटाई भी की थी। ऐसे में उसने सोते समय हमला कर दिया। दिलीप को जयपुर केे आर्या कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश दिलाया है। वह बार-बार फेल होता है, जिससे डिग्री नहीं ले पाया। 15 दिन पहले ही एक जगह नौकरी पर लगाया था। पुलिस सूत्रों के तहत प्राथमिक जांच में आया कि दिलीप को नशे की लत है। ऐसे में उसके लिए पैसे मांगता था। वह नहीं मिलने पर उसने पिता की हत्या कर दी।