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अहमदाबाद

भाई को किडनी देने के लिए चारों बहन तैयार, मिली नई जिंदगी

-तीन वर्ष में 20 बहनों ने भाइयों, तीन भाइयों ने बहनों को किडनी देकर बचाया, रक्षा बंधन पर्व पर विशेष

अहमदाबादAug 08, 2025 / 10:38 pm

Omprakash Sharma

किडनी देकर पीड़ा मुक्त किए भाई को राखी बांधती हुई बड़ी बहन।

भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के बीच का रिश्ता अनूठा और पवित्र है। रिश्ते में दोनों एक दूसरे की सुरक्षा का वचन निभाने को तत्पर होते हैं। यह राखी बांधने तक सीमित नहीं है।शहर के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिज रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में एक ऐसा किस्सा भी सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति की किडनी फेल होने पर उसकी चारों बहनें किडनी देने को तैयार हो गईं। एक बहन ने किडनी देकर भाई को नई जिंदगी दी।
आईकेडीआरसी के तहत पिछले तीन वर्षों में 20 बहनों ने अपनी किडनी देकर भाइयों की जान बचाई है। इस अवधि में तीन भाई ने भी बहन को किडनी देकर उनकी जिंदगी बचाई।आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अंग देने में महिलाओं की भूमिका 75 फीसदी से अधिक है। इन महिलाओं में मां, पत्नी, बहनें प्रमुख हैं। रक्षाबंधन पर्व पर बहनों की ओर से भाई को बांधी जाने वाली राखी अटूट बंधन का प्रतीक मानी जाती है।
यही कारण है कि शहर के सरकारी (आईकेडीआरसी) अस्पताल में बहनें भी अपने भाइयों को किडनी देने में पीछे नहीं हैं। ऐसे ही बहन भाइयों की बात करें तो गांधीनगर में रहने वाले किरण पटेल (50) दो वर्ष पूर्व किडनी की बीमारी से पीडि़त हो गए थे। चिकित्सकों ने किडनी फेल घोषित कर दी, स्थायी उपचार किडनी ट्रांसप्लांट बताया। इस खबर ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। किरणभाई के आस्ट्रेलिया में रहने वाले पुत्र-पुत्री, पत्नी भी काफी चिंतित हो गए।

भाई को बचाने के लिए चारों बहन किडनी देने को थी तैयार

किरण पटेल की चार बहनें उनकी कवच बनकर आ पहुंची। चारों बहन ने किडनी देने की तैयारी दर्शाई। हालांकि टेस्ट करने के बाद दूसरे नंबर की सुशीलाबेन की किडनी मैच हुई, जिससे उन्होंने किडनी दान में दी और किडनी ट्रांसप्लांट सफलता पूर्वक हुआ। सबसे बड़ी बहन को रक्तचाप की समस्या थी, तीसरी बहन को केवल एक ही किडनी थी। चौथी बहन विकलांग है।

ट्रांसप्लांट के बाद खुश हैं भाई-बहन

किरण पटेल का किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद वे डायालिसिस जैसी पद्धतियों से मुक्त हो गए हैं। पूरा परिवार खुश है। किरण भाई के अनुसार उनकी बहन सुशीला (58) बिना कोई सोच विचार किए किडनी दी। बहन सुशीला का कहना है कि एक बहन अपने भाई का दर्द कैसे देख सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे पता चला चारों ही बहनों ने किडनी देने का विचार कर लिया था। इस कार्य में बहनों के ससुराल पक्ष के लोगों की सहमति थी।

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