गुजरात के लिए गर्व की बात
गुजरात की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार ने कहा कि पेंगुइन के तीन बच्चों का साइंस सिटी में जन्म होना गुजरात के लिए गर्व की बात है। यह पर्यावरण जागरूकता और प्राणी कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है।
पर्यटक भी देख सकेंगे नन्हे पेंगुइन
खंधार ने कहा कि इन तीनों नन्हे पेंगुइन का नामकरण भी किया है। डेजी, कियारा और बालू नाम दिया है। तीनों को साइंस सिटी में आने वाले पर्यटक भी देख सकेंगे। इन्हें पेंगुइन गैलरी में रखा गया है।
जून में रखा था पहला अंडा
साइंस सिटी में अफ्रीकी पेंगुइन को वहां जैसा माहौल दिया गया, जो उसे रास आ रहा है। उसने जून 2024 में पहला अंडा रखा। उसके संवर्धन को एक्वेटिक गैलरी की टीम ने मेहनत की। 38 दिनों की देखरेख के बाद जुलाई में अंडे से नर बच्चा निकला। उसके बाद पेंगुइन की जोड़ी ने अक्टूबर में दो अंडे रखे। जिसमें से नवंबर में दो मादा पेंगुइन बाहर निकलीं। इनके खानपान, माहौल पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसलिए खास है यह उपलब्धि
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने लुप्त होने वाली प्रजाति की सूची में अफ्रीकी पेंगुइन को रखा है। ये नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका के समुद्री किनारों पर मिलते हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते इनकी संख्या में 97 फीसदी की गिरावट हुई है। अभी 19800 से कम पेंगुइन बच्चे हैं। ऐसे में साइंस सिटी में इनका कुनबा बढ़ना बड़ी उपलब्धि है।