इस नए नियम के तहत, भवन स्वामी या निर्माणकर्ता को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ₹1 की टोकन राशि जमा करके पंजीकरण कराना होगा। इस पंजीकरण के साथ ही, उन्हें महायोजना में भूखंड का भू-उपयोग, सड़क की चौड़ाई, भूमि पर स्वामित्व, भूखंड का आकार और ऊंचाई जैसी जानकारी को स्वप्रमाणित करना होगा। एक निर्धारित प्रारूप में स्वघोषणा और शपथपत्र के साथ यह ऑनलाइन भुगतान करने के बाद, नक्शा स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा।
घोषणा गलत पाए जाने पर होगी कार्रवाई
यह पूरी प्रक्रिया स्वप्रमाणन पर आधारित होगी, जिसका अर्थ है कि दी गई जानकारी की प्रामाणिकता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी आवेदक की होगी। यदि कोई गलत घोषणा पाई जाती है, तो आवेदक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किन भूखंडों पर लागू नहीं होगा यह नियम?
1. सरकारी भूमि
2. प्रतिबंधित क्षेत्र
3. विवादित भूमि
4. उत्तर प्रदेश मेला अधिनियम 1938 के तहत घोषित मेला क्षेत्र
5. अनधिकृत कॉलोनियों में स्थित भूखंड बड़े निर्माणों के लिए पुरानी प्रक्रिया जारी
100 वर्गमीटर से बड़े आवासीय भूखंडों और 30 वर्गमीटर से बड़े व्यावसायिक निर्माणों के लिए पहले की तरह ही एडीए से नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए विकास शुल्क और अन्य आवश्यक शुल्क जमा करने होंगे।
30 दिन में मिलेगी एनओसी
बड़े निर्माणों के लिए, नक्शा पास कराने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी, जिसमें शुल्क जमा करना और विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना शामिल है। अच्छी खबर यह है कि आवेदक को 15 विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, और यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।
मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि रेगुलेशंस 2025
आगरा विकास प्राधिकरण की नगर नियोजक ऋचा कौशिक के अनुसार, ₹1 में भवन निर्माण पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल में बदलाव किए जा रहे हैं। एडीए मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि रेगुलेशंस 2025 को लागू करेगा। इसे 29 जुलाई को एडीए बोर्ड की बैठक में अपनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा।