scriptइस साल अक्षय पुण्य वाली 2 सोमवती अमावस्या, जानिए पहली और ज्येष्ठ अमावस्या की डेट, शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करें | Somvati Amavasya Date 2025 Sanyog know date shubh Muhurt Puja Vidhi Jyeshtha Amavasya par kya kare what to do | Patrika News
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इस साल अक्षय पुण्य वाली 2 सोमवती अमावस्या, जानिए पहली और ज्येष्ठ अमावस्या की डेट, शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करें

Somvati Amavasya Date 2025: हर महीने में एक अमावस्या आती है, इसमें सोमवती अमावस्या का फल बढ़ जाता है और यह अक्षय पुण्य वाली होती है। खास बात यह है कि इस साल 2 ही सोमवती अमावस्या पड़ने वाली है, वो भी पहली सोमवती अमावस्या ज्येष्ठ की अमावस्या है। आइये जानते हैं डेट, शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करें।

भारतMay 23, 2025 / 08:19 am

Pravin Pandey

Somvati Amavasya Date 2025

Somvati Amavasya Date 2025: सोमवती अमावस्या 2025 पर क्या करें (Photo Source: Pinterest)

Jyeshtha Amavasya Par Kya Kare: अजमेर की ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार जो अमावस्या सोमवार को पड़ती है, वह सोमवती अमावस्या कही जाती है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा अर्चना, रुद्राभिषेक, सत्यनारायण कथा श्रवण का अक्षय फल मिलता है। साथ ही इस दिन पितरों के लिए धूप-ध्यान और दान-पुण्य करना चाहिए। यहां जानते हैं इस साल कब-कब सोमवती अमावस्या आएगी

2025 में 2 बार सोमवती अमावस्या का संयोग (Somvati Amavasya Date 2025 Sanyog)


पंचांग की गणना के अनुसार इस साल सोमवती अमावस्या का संयोग सिर्फ दो बार ही बनने जा रहा है। पहले 26 मई को ज्येष्ठ अमावस्या पर, इसके बाद 20 अक्टूबर को शाम के समय सोमवार के दिन अमावस्या तिथि का संयोग बन रहा है। ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार शास्त्रों का नियम है कि सूर्यास्त से पूर्व अगर सोमवार को अमावस्या एक घड़ी भी हो, तो उसे सोमवती अमावस्या माना जाता है। इस दिन शिवजी और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है

कब है ज्येष्ठ माह की सोमवती अमावस्या


पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि इस वर्ष 26 मई 2025 को दोपहर 12:11 बजे से आरंभ होगी और अगले दिन यानी 27 मई को शाम 8:31 बजे तक चलेगी। और सोमवती अमावस्या का प्रमुख पर्व 26 मई को ही मनाया जाएगा।

सोमवती अमावस्या का महत्व (Somvati Amavasya Ka Mahatv)


हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन व्रत, पूजन और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। पितृ दोष निवारण के लिए दिन अत्यंत शुभ माना गया है। इस अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है। मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

मान्यता है कि इस तिथि पर अपने-अपने क्षेत्रों की पवित्र नदियों में स्नान का प्रयास जरूर करना चाहिए और क्षेत्र के पौराणिक महत्व वाले तीर्थों के, मंदिरों के दर्शन करना चाहिए। पूजा-पाठ आदि शुभ काम करना चाहिए।
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ऐसे करें पूजा मिल जाएगा तीर्थ यात्रा का फल (Puja Vidhi Jyeshtha Amavasya)


ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार किसी कारण से व्यक्ति नदी में स्नान करने नहीं जा पाता है तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाएं और तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और सूर्यदेव को चढ़ाएं। ऐसा करने से भी तीर्थ और नदी स्नान के बराबर पुण्य मिल सकता है।

अमावस्या पर जरूर करें यह काम (Amavasya Par Kya Kare)

1.सोमवती अमावस्या पर स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को अनाज और गौशाला में धन, हरी घास का दान करना चाहिए।

2. अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करें और घर में दोपहर करीब 12 बजे गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और उसके अंगारों पर गुड़-घी डालें। इसके बाद हथेली में जल लें और अंगूठे की ओर से पितरों को अर्घ्य अर्पित करें।
3. किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

4. हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।

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