scriptSindoor: हनुमानजी की मूर्ति को सिंदूर में क्यों लपेटा जाता है, जानें लाभ, मंत्र और कहानी | Narangi Sindoor Lagane Ka Mahatv hanumanji ko sindoor kyon chadhate hain Kahani Sindoor Chadhane Ke Labh mantra | Patrika News
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Sindoor: हनुमानजी की मूर्ति को सिंदूर में क्यों लपेटा जाता है, जानें लाभ, मंत्र और कहानी

Narangi Sindoor Lagane Ka Mahatv: स्त्रियों को मांग में सिंदूर लगाते और हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करते देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें क्या संबंध है।

भारतMay 07, 2025 / 03:14 pm

Pravin Pandey

Narangi Sindoor Lagane Ka Mahatv
Hanumanji Ko Sindoor Kyon Chadhate Hain: हनुमानजी की पूजा में मंगलवार शनिवार को भक्त सिंदूर चढ़ाते हैं और हनुमान जी प्रतिमा पर केसरिया रंग के सिंदूर लपेटते हैं। आइये जानते हैं हनुमानजी को सिंदूर क्यों चढ़ाते हैं। इसकी कहानी क्या है ..

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क्या है पौराणिक कथा (Hanumanji Ko Sindoor Chadhane Ki Kahani)

भगवान हनुमानजी को सिंदूर लपेटने की कहानी त्रेता युग से जुड़ी हुई है। रामायण और हनुमान उपासना ग्रंथ की कथा के अनुसार रावण वध के बाद भगवान राम, सीता, लक्ष्मणजी, हनुमानजी, सुग्रीव आदि के साथ अयोध्या पहुंचे थे। इसी दौरान एक दिन हनुमान जी माता सीता के कक्ष में पहुंचे तो यहां माता सीता श्रृंगार कर रहीं थीं और मांग में सिंदूर भर रहीं थीं।

यह देखकर जिज्ञासा में हनुमानजी ने पूछा कि ‘माता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं?’ इस पर माता सीता ने कहा कि वे यह भगवान श्रीराम की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए करती हैं। इससे रामचंद्र प्रसन्न होते हैं।

यह सुनकर हनुमान जी के मन में विचार आया कि यदि चुटकी भर सिंदूर प्रभु श्रीराम को इतना लाभ पहुंचा सकता है तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से उनके प्रभु की उम्र और बढ़ जाएगी। इस सोच के साथ हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप कर लिया।
इसके बाद वो सभा में चले गए, उनको सिंदूर से पुते देखकर लोग सभा में हंसने लगे पर भगवान राम ने उन्हें गले लगा लिया। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई जो आज भी लोग निभाते हैं। साथ ही यह परंपरा हनुमानजी के प्रभु श्रीराम के प्रति उनके अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाती है।
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हनुमान जी की पूजा में सिंदूर का महत्व (Sindoor Chadhane Ka Mahatv)


हनुमान जी की पूजा में सिंदूर चढ़ाना बजरंगबली के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह सिंदूर चमेली के तेल के साथ मिलाकर बजरंगबली के शरीर में लपेटा जाता है। मान्यता है कि यह उपाय भक्त को शुभ फल प्रदान करता है।

इस मंत्र को पढ़ते हुए सिंदूर अर्पित करें (Sindoor Chadhane Ka Mantra)

वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार जो भक्त जीवन में समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए। लेकिन सिंदूर चढ़ाते समय सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्त्या दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम। मंत्र जपना चाहिए।

लाल सिंदूर चढ़ाते हैं या नारंगी

महिलाएं प्रायः लाल या नारंगी रंग के सिंदूर लगाती हैं, लाल सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। पं. तिवारी के अनुसार, वहीं नारंगी सिंदूर समर्पण का प्रतीक है। हनुमान जी का स्वभाव और चरित्र श्री राम के प्रति समर्पण से प्रेरित है। इसलिए उनकी पूजा में नारंगी सिंदूर का प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी को नारंगी सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं। संकटमोचन हनुमान हर संकट से मुक्ति दिलाते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।
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सिंदूर चढ़ाने से होते हैं क्या लाभ (Sindoor Chadhane Ka Labh)

1.मान्यता के अनुसार हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
2. बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

3. सिंदूर चढ़ाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

4. सिंदूर चढ़ाने से जीवन में धन और वैभव का आगमन होता है।
5. हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने से भक्त को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

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